• भारत में अध्ययन के लिए गए प्रोफेसर माओ शीछांग की कहानी चीन और भारत दोनों शानदार प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं , प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु ह्वेनसांग एक आदर्श मिसाल के रूप में याद किए जाते हैं । यहां भी एक चीनी विद्वान चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान के लिए अथक कोशिश में जुटे हुए हैं , जो भारत की भूमि में मैत्री का बीज बोल रहे हैं।
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• प्राचीन काल में भारत की ओर अभियान करने वाले मशहूर चीनी साधु फा श्येन चीन से भारत जाने वाले यात्रियों में श्वेन जांग को छोड़कर फा श्येन और ई जिंग के नाम सब से अधिक प्रसिद्ध हैं। चार सौ तेरह ईसवी के आसपास एक पानी जहाज हिन्द महा सागर में श्रीलंका से पूर्व की ओऱ चल पड़ा। समुद्र में केवल दो दिन यात्रा करने के बाद पानी जहाज को जबरदस्त तूफान का सामना करना पड़ा और उस में सूराख हो गया।
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• विश्विख्यात चीनी विद्वान जी श्ये लिन और भारत के बीच आधी शताब्दी के घनिष्ठ संबंध डाक्टर जी श्ये लिन पेइचिंग विश्विद्यालय के प्रोफेसर चीन के सुप्रसिद्ध विद्वान, साहित्यकार और अनुवादक हैं। साथ ही वे एक शिक्षा शास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। प्रोफेसर श्री ची श्येन लिन का जन्म 6 अगस्त उन्नीस ग्यारह में पूर्वी चीन के शेन तुंग प्रांत की छिंग फिंग काऊंटी के एक किसान परिवार में हुआ।
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• छोटी शुरूआत की भी विशाल सम्भावनाएं होती हैं चीन और भारत के बीच 6 तारीख को चीन के तिब्बत के यातुंग और भारत के उत्तर पूर्व में सिक्किम को जो़ड़ने वाला नाथुला दर्रा फिर खुल गया है , जिस से चीन व भारत के बीच पिछले 44 सालों से बंद सीमांत व्यापार का मार्ग बहाल हो गया है । प्राचीन रेशम मार्ग पर अहम व्यापार चौकी की फिर से बहाली न सिर्फ आस-पास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिये प्रेरक शक्ति बनेगी , बल्कि चीन-भारत मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास को भी इस से बहुत बढ़ावा मिलेगा ।
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• चीन और भारत के बीच नाथुला दर्रे के सीमा व्यापार रास्ते को पुनः खोलने का भारी महत्व है चीन और भारत ने छह तारीख को चालीस से ज्यादा वर्षों से बन्द हुए नाथुला दर्रे के सीमा व्यापार रास्ते को पुनः खोला । चीनी अंतरराष्ट्रीय सवाल अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता, दक्षिण एशिया सवाल के विशेषज्ञ श्री चङ रेई श्यांग ने हमारे संवाददाता के साथ साक्षात्कार में कहा कि चीन और भारत के बीच नाथुला दर्रे को पुनः खोलना आपसी लाभ वाले आर्थिक विकास का प्रतीक है , जिस से दोनों देशों के राजनीतिक क्षेत्र में मैत्री व सहयोग और बढ़ेगा।
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