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(GMT+08:00) 2007-11-29 20:18:57    
चीन भारत मैत्री संघ की स्थापना की 55वीं वर्षगांठ मनायी गई

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चीन व भारत दोनों प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। प्राचीन काल से दोनों देशों के बीच परम्परागत मैत्री चलती आयी है। दोनों देश अच्छे पड़ोसी भी हैं। इतिहास में दोनों देशों की जनता के बीच व्यस्त आवाजाही होती थी । चीन और भारत के मैत्रीपूर्ण इतिहास में ह्वेनसांग , कोटनीस , तान युन शान आदि के शानदार अध्याय जुड़े हैं । 20वीं शताब्दी के 50 वाले देशक में चीन और भारत ने एक साथ शातिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच सिद्धांतों का प्रवर्तन किया और चीनी हिन्दी भाई भाई का नारा बुलंद कर दिया । सन् 1952 में चीन भारत मैत्री के गौर सरकारी संगठन यानी चीन भारत मैत्री संघ स्थापित हुआ । पिछले 55 वर्षों में चीन भारत मैत्री संघ ने दोनों देशों के मैत्री बढ़ाने में सक्रिय काम किए और बड़ा योगदान भी दिया । इस साल, नवंबर की 22 तारीख को चीन भारत मैत्री संघ की 55 वीं वर्षगांठ मनायी गयी । इस के सुअवसर पर एक समारोह पेइचिंग में आयोजित हुआ। दोनों देशों से आए अनेक मित्रों ने एकत्र हो कर समारोह में भाग लिया और नयी शताब्दी में चीन और भारत के मैत्री व सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए विचार विमर्श किया।

चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के उपाध्यक्ष, चीन भारत मैत्री संघ के प्रधान श्री जांग जङ हुआ, चीन वैदेशिक मैत्री जन संघ के उपाध्यक्ष श्री फेंग च्वु कु, चीन स्थित भारतीय राजदूत सुश्री राव समेत विभिन्न जगतों से आए लगभग 80 व्यक्तियों ने समारोह में भाग लिया। समारोह में श्री जांग ने परिचय देते हुए यह कहा कि चीन भारत मैत्री संघ चीन में सब से पहले स्थापित हुई एक गैरसरकारी संस्था है। उसकी स्थापना के बाद पिछले 55 सालों में संघ चीन भारत दोनों देशों की जनता के बीच मैत्री बढ़ाने के लक्ष्य पर कायम रहता आया है और दोनों देशों के विभिन्न क्षेत्रों में आदान प्रदान व सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए हर वक्त कोशिश करता रहता है। उन्होंने कहाः

"अपनी स्थापना के बाद चीन भारत मैत्री संघ ने चीन भारत दोनों देशों के बीच आपसी विश्वासन व मैत्री को आगे बढ़ाने के लिए, विश्व शांति की रक्षा करने के लिए, चीन और भारत के बीच राजनीति, व्यापार, अर्थतंत्र, संस्कृति , समाज, तकनीक, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन आदि क्षेत्रों में आदान प्रदान व सहयोग मजबूत करने के लिए बहुत से लाभदायक कार्य किय हैं। इस संघ ने चीन भारत दोनों देशों की जनता की मैत्री मजबूत करने, दोनों देशों के बीच संबंध को और घनिष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।"

श्री जांग ने यह कहा कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में चीन और भारत के संबंध बहुत महत्वपूर्ण है , जो द्विपक्षीय दायरे से ऊपर उठ गया और जिस से क्षेत्रीय व विश्व शांति पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। एशिया में सब से बड़े विकासशील देश चीन और भारत के संबंध मैत्रीपूर्ण सहयोग के नए दौर में प्रवेश हुआ है। दोनों देशों के वर्तमान संबंध के बारे में उन्होंने कहाः

"21वीं शताब्दी में प्रवेश होने बाद दोनों देशों के बीच एक दूसरे के देश में नेताओं की यात्रा बढ़ती जा रही हैं। चीन और भारत के संबंध उम्दा दिशा में बढ रहे हैं। गत वर्ष के इसी समय चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ ने भारत की मैत्रीपूर्ण यात्री की थी। उन की यात्रा से दोनों देशों के रणनीतिक साझेदारी संबंध सार्थक रूप से मजबूत किए गए हैं। द्विपक्षीय संबंध भी पूर्ण विकास के नए दौरान में प्रवेश हो गए हैं ।"

श्री जांग ने यह भी परिचय देते हुए कहा कि चीन भारत मैत्री संघ स्थापित होने के बाद दोनों देशों की मैत्री बढ़ाने के लिए उस ने सक्रिय रूप से काम किए और बड़ा योगदान किया है। संघ ने दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण व्यक्तियों की आवाजाही का अनेकों बंदोबस्त किया है और मैत्रीपूर्ण आवाजाही के एक अहम मंच का रूप ले लिया है । चीन भारत मैत्री संघ की परिषद के सदस्य, भारतीय मेडिकल मिशन के स्वर्गीय सदस्य ,डाक्टर द्वारनाथ कोटनीस की पत्नी श्रीमती क्वो छिंग लान ने अनेक बार चीन के मैत्री प्रतिनिधि मंडल के साथ भारत की यात्रा की है और डाक्टर कोटनीस के परिवारजनों से भेंट की । सन् 2007 महान अंतर्राष्ट्रवाद यौद्धा डाक्टर कोटनीस की 65 वीं वर्षगांठ है। अगले साल चीन भारत मैत्री संघ का प्रतिनिधि मंडल भारत की यात्रा पर जाएगा और चीन का कोटनीस चिकित्सा दल भारत में निशुल्क चिकित्सा कार्यवाही के लिए भेजा जाएगा। श्री जांग ने यह भी कहा कि नये साल में चीन भारत मैत्री संघ दोनों देशों के बीच आदान प्रदान मजबूत करने के लिए विविध रूप में मैत्रीपूर्ण गतिविधियां संगठित करेगा।

चीन भारत मैत्री संघ की स्थापना की 55 वीं वर्षगांठ के मौके पर चीन स्थित भारत की राजदूत सुश्री राव ने चीन भारत दोस्ती में चीन भारत मैत्री संघ के महत्वपूर्ण योगदान का उच्च मुल्यांकन किया। उन्होंने यह कहा कि भारत चीन के साथ दोनों देशों के बीच आदान प्रदान मजबूत करने, दोनों देशों की जनता की दोस्ती आगे बढ़ाने के लिए अथक कोशिश करने को तैयार है। सुश्री राव ने कहाः

"चीन भारत मैत्री संघ स्थापित होने की 55 वीं वर्षगांठ पर, नवंबर की 22 तारीख को संघ की नयी परिषद का सम्मेलन भी आयोजित हुआ। जिस में श्री जांग जङ ह्वा नये प्रधान चुने गए। इस के साथ राजनीति, शिक्षा, मीडिया आदि जगतों के लगभग 80 लोग इस संघ की नयी परिषद के सदस्य नियुक्त हुए । उन्होंने परिषद के सम्मेलन में चीन भारत मैत्री संघ के इतिहास का सिन्हावलोकन किया, अनुभवों का निचोड़ निकाला और दोस्ती विकास की विविधतापूर्ण कार्यवाही करने के लिए विचार विमर्श किया।"

संघ की परिषद के सदस्य, 80 वर्षीय श्री रेन मिन काओ चीन भारत के मैत्री कार्य में हमेशा जुटे रहे हैं। वे 20 सालों तक चीनी डाक्टर कोटनीस चिकित्सा दल के नेता का काम करते आए हैं और उन्हों डाक्टर कोटनीस की याद शीर्षक एक पुस्तक भी लिखी । चीन भारत मैत्री संघ के 55 सालों के इतिहास की चर्चा में उन्होंने भाव विभोर होकर यह कहाः

"आज तक 55 गुजरा है। मुझे आज के परिषद सम्मेलन का आयोजन बहुत अच्छा लगा है। अब चीन भारत मैत्री संघ के कार्यों पर महत्व दिया जा रहा है। हम क्यों डाक्टर कोटनीस की याद कर रहे हैं। क्योंकि डाक्टर कोटनीस ने हमारे चीन को बड़ा योगदान दिया था। हमें उस से सीखना और उन की ही तरह चीन भारत के संबंध को आगे बढ़ाने के लिए कोशिश करना चाहिए । हमारे कोटनीस चिकित्सा दल ने विभिन्न रूप में निशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करने में भाग लिया है। आशा है कि भारत के दोस्त भी हमारे साथ ज्यादा आदान प्रदान करेंगे और दोनों देशों की दोस्ती आगे बढ़ाने के लिए कोशिश करेंगे।"

मौजूदा दुनिया में चीन और भारत एक उपसाहदनक काल से गूजर रहे हैं। दोनों देशों के बीच लम्बे इतिहास में आदान प्रदान व परंपरागत दोस्ती दोनों देशों के संबंधों के जोरदार विकास का आधार और बड़ी प्रेरक शक्ति है। हमें विश्वास है कि दोनों देशों की जनता एक साथ मिल कर चीन भारत दोस्ती के नए इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगी और चीन भारत मित्रता पीढी दर पीढ़ी लगातार विकसित हो जाएगी ।