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(GMT+08:00) 2006-07-07 18:04:57    
छोटी शुरूआत की भी विशाल सम्भावनाएं होती हैं

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चीन और भारत के बीच 6 तारीख को चीन के तिब्बत के यातुंग और भारत के उत्तर पूर्व में सिक्किम को जो़ड़ने वाला नाथुला दर्रा फिर खुल गया है , जिस से चीन व भारत के बीच पिछले 44 सालों से बंद सीमांत व्यापार का मार्ग बहाल हो गया है । प्राचीन रेशम मार्ग पर अहम व्यापार चौकी की फिर से बहाली न सिर्फ आस-पास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिये प्रेरक शक्ति बनेगी , बल्कि चीन-भारत मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास को भी इस से बहुत बढ़ावा मिलेगा ।

जुलाई की 6 तारीख को नाथुला दर्रे के क्षेत्र में मौसम इतना अच्छा नहीं था। हल्की-हल्की बूंदाबांदी के साथ-साथ हवा में थोड़ी सी ठंडक भी थी , पर नाथुला दर्रें के खुलने के समारोह में भाग लेने वालों की भीड़ लगी थी । समारोह शुरू होने से दो घंटे पहले ही नाथुला दर्रें के दोनों किनारों पर लोगों की भीड़ जमा होना शुरु हो गयी थी । चीन व भारत के संबंधित विभागों ने सीमा के दोनों तरफ सजाए गये बड़े-बड़े लाल मंडपों में लाल रंग की कालीनें भी बिछायीं थीं। सिक्किम प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री पवन कुमार चाम्लिन ने प्रसन्नता से कहा कि नाथुला दर्रे का फिर खुलना उन का सपना रहा था , आखिरकार यह सपना आज साकार हो गया है ।

सिक्किम के लिये नाथुला दर्रा व्यापार का कोई नया मार्ग नहीं है ,प्राचीन काल से ही यह यहां का व्यापारिक मार्ग रहा है । आज इस दर्रे का फिर से खुलना सिक्किम की जनता के लिये एक ऐतिहासिक घटना ही है । सिक्किम की जनता इस बात से बेहद प्रसन्न है । हमें आशा है कि न सिर्फ नाथुला दर्रे के जरिये सीमांत व्यापार किया जायेगा , बल्कि यह पर्यटन मार्ग का रूप भी लेगा , साथ ही गेंगटोक से ल्हासा तक जाने वाली बस सेवा भी खुल जायेगी । मुझे यह आशा भी है कि चाहे चीनी हो या भारतीय , सब के सब नाथुला दर्रे में व्यापार करने आयेंगे और वे मालामाल भी होंगे । आज मैं बहुत खुश हूं और संतुष्ट हूं , क्योंकि मेरा सपना साकार हुआ है ।

फिर से खुला नाथुला दर्रा अस्थायी सीमांत व्यापार बाजार है । दोनों पक्षों के निर्णय के अनुसार प्रथम खेप में 40 से अधिक वस्तुओं का व्यापार इस क्षेत्र में किया जा सकता है । जिस से इस दर्रे के आसपास सीमांत क्षेत्रों में बसे चीनी व भारतीय नागरिकों को लाभ मिल सकेगा ।

श्री पालजोर लाजुंगपा पास प्राप्त कर चीन के तिब्बत के रन छिंग कांग बाजार में व्यापार करने वाले सौभाग्यशालियों में से एक हैं । उन्हों ने सिक्किम में अपनी आयात-निर्यात व पर्यटन कम्पनियां स्थापित कीं हैं। उन का मानना है कि शुरू-शरू में चीन और भारत के बीच नाथुला दर्रे के सीमांत व्यापार में वस्तुओं की किस्में ज्यादा नहीं हैं , पर ये किस्में धीरे-धीरे बढ़ जायेंगी ।

तिब्बत और सिक्किम के लिये बहुत से वस्तुएं एक दूसरे की पूरक हैं । मसलन सिक्किम को ऊन की ज्यादा ज़रूरत होती है । बेशक , दोनों पक्षों के लिये सिर्फ रन छिंग कांग और शार्थांग में व्यापार का माल काफी नहीं हैं । लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि नाथुला दर्रे के फिर से खुलने से हमें तिब्बत जाने का मौका उपलब्ध हो गया है । हम हार्दिक अभिलाषा लिये अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ हाथ से हाथ मिलाते हुए व्यापार कर सकते हैं । मुझे विश्वास है कि नाथुला दर्रे में व्यापार के माल की संख्या अधिकाधिक हो जाएगी ।

भारत , चीन , जापान आदि देशों से आये सौ से अधिक पत्रकार इस समारोह में उपस्थित हुए । मौके पर सीधा प्रसारण करने में कार्यरत एक भारतीय टी वी स्टेशन के पत्रकार श्री चाकी ने कहा कि नाथुला दर्रे का फिर से खुलना चीन- भारत संबंधों के और अधिक विकास के लिये लाभदायक है ।

हालांकि नाथुला दर्रा साल में सिर्फ चार महीने खुलता है और वर्तमान व्यापार का माल मुख्यतः इस दर्रे के ईर्द-गिर्द सीमांत क्षेत्रों से आता है , पर फिर भी नाथुला दर्रे का फिर खुलना चीन व भारत दोनों देशों के लिये अच्छी बात है। इस से जाहिर है कि चीन व भारत दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंध लगातार आगे बढ़ रहे हैं , चीन व भारत के बीच और अधिक विश्वास स्थापित हो रहा है।

भारत के प्रसिद्ध रणनीतिज्ञ श्री राजा मोहन ने चीन व भारत के बीच नाथुला दर्रे के फिर से खुलने की भूरि-भूरि प्रशंसा की ।

उन्हों ने कहा कि वर्तमान चीन-भारत मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास के चलते चीन के युननान , तिब्बत और सिनच्यांग जैसे पश्चिमी क्षेत्रों और भारत के बीच क्षेत्रीय सहयोग का विकास सम्भव होगा । अतीत के कई सालों में हम ने देखा है कि चीन भारत संबंधों का तेज विकास हुआ है। दोनों देश एक अरब से अधिक जन संख्या वाले देश हैं , साथ ही तेज आर्थिक विकास करने वाले पड़ोसी देश भी हैं । मेरा विचार है कि विश्व में कोई भी व्यक्ति चीन-भारत सहयोग व विकास को बाधित नहीं कर पायेगा ।

भारत के सिक्किम प्रदेश के उद्योग व पर्यटन मंत्री सूब्बा ने नाथुला दर्रें के खुलने के महत्व की चर्चा में कहा दीर्घकालिक दृष्टि से देखा जाये , तो लोग बहुत सी बातों की भविष्यवाणी कर सकते हैं । एक शब्द में छोटी शुरूआत की भी विशाल सम्भावनाएं होती हैं।