दक्षिण एशिया पर आधारित कार्यक्रम पत्रिका-0722&0729 आज फोकस में है कि भारत के पश्चिमी बंगाल प्रदेश में हुआ राजनीतिक परिवर्तन। पश्चिमी बंगाल में चुनाव जीत कर सरकार बनाने और 34 सात तक लगातार राज्य करने का गौरव भारत में केवल कम्युनिष्टि पार्टी को है। लेकिन वे कौन से कारण हैं कि इस बार जनता ने कम्युनिष्ट पार्टी को विपक्ष में बैठने के लिये मतदान दिया है। इस पर विचार करने के लिये हम ने भारत में प्रसिद्ध पत्रकार और विद्वान राजेंद्ग शर्मा जी से बात की। |
चीन में शाकाहारी जीवन दोस्तो,चीन में शाकाहारी भोजन का नाम सुन कर जरुर आप के चेहरे पर मुस्कुराहट आ रही होगी।सच भी है,जब मैं पहली बार चीन आया तो आने से पहले दोस्तों ने कहा कि चीन जाना हो और वहां जा कर लंबे समय तक रहना हो तो मांसाहारी होना जरुरी है और चीनी भाषा जानना जरुरी है।यहां आ कर एहसास हुआ कि दोनों बातें सच हैं।और न तो मैं मांसाहारी हूं और न ही मुझे चीनी भाषा का ज्ञान था। लेकिन एक अच्छी बात यह थी कि मुझे खाना बनाने में रुचि है और खाना बनाने की इस आदत ने मेरी एक कठिनाई तो दूर कर दी। |
चीन का तुआन वू त्योहार दोस्तो जैसाकि आप जानते हैं कि चीन भी भारत की तरह एक कृषि प्रधान देश है और भारत की तरह चीन में भी त्योहारों की भरमार है।कृषि प्रधान देशों में लगभग सभी त्योहार किसी न किसी रुप में कृषि से संबंधित होते हैं।मौसम का, फसलों के साथ गहरा संबंध होता है,इसलिए मौसम बदलने पर,दिन रात के छोटे बड़े होने पर,फसलों के पकने पर,फसल बोने पर,और दो फसलों के बीच में खाली समय में इन त्योहारों का कालक्रम में विकास हुआ है। इन त्योहारों के अवसर पर एक दूसरे के स्वास्थ्य की कामना की जाती है और खुशी मनाई जाती है। |
चीन में भारत दिवस पिछले कुछ साल से चीन में हर साल भारत दिवस मनाया जाता है जिस में भारत के बारे में जानकारी का आपस में आदान-प्रदान किया जाता है। लेकिन इस साल 23 तारीख को जो भारत दिवस मनाया गया वह पिछले सभी सालों से भिन्न रहा है। एक तो यह कि इस बार भारत दिवस भारत का विकास,चीनी युवाओं के लिए संभावनाएं विषय पर आधारित था। ।चीन के पीकिंग विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग और भारत अध्ययन केंद्र ने चीन में भारतीय दूतावास और भारत में सांस्कृतिक परिषद की सहायता से इस का आयोजन किया और पहली बार सारे चीन में हिंदी के अध्ययन अध्यापन में रत विद्यार्थी और अध्यापकों को इस में आंमत्रित किया। |
चीन में सामुदायिक जीवन जब मैं पहली बार चीन आया,उस समय चीन के बारे में,चीन में लोगों का शहरी जीवन कैसा है,लोग कैसे रहते हैं,इस के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी।आने के बाद मुझे पीकिंग विश्वविद्यालय में ही रहने का मौका मिला।उस समय बीजिंग में जितने भी विदेशी रहते थे,जो विश्वविद्यालय,में रेडियो में या अन्य संस्थाओं में काम करते थे,वे आमतौर पर या तो विश्वविद्यालय में या फ्रेंडशिप होटल में रहते थे।विदेशी लोग किराए पर मकान ले कर नहीं रह सकते थे।फ्रेंडशिप होटल बीजिंग में विदेशियों के निवास स्थल के रुप में जाना जाता था |
चीन में परिवार नियोजन की नीति अभी-अभी हाल ही में भारत में और चीन में भी जनगणना का काम पूरा हुआ है।दोनों एशियाई देश दुनिया में बहुजनसंख्या वाले देशों के रुप में जाने जाते हैं और अक्सर इस बात को याद दिलाया जाता है कि दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी इन्हीं दो देशों में बसती है।यह सच भी है और इस से इन देशों के सीमित प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव भी पड़ रहा है।दोनों देशों ने अपने अपने यहां बढती जनसंख्या को कम करने के लिए अपनी-अपनी स्थितियों के अनुसार परिवार नियोजन की नीति लागू की है।भारत की परिवार नियोजन की नीति के बारे में तो आप जानते ही हैं ,आइए,आज देखें कि चीन में परिवार नियोजन की नीति क्या है और उस का व्यापक चीनी समाज पर क्या और कैसा असर पड़ रहा है। |
छिंग्हुआ युनिवर्सिटी श्रोताओ,चीन के दो सब से प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक छिंगहुआ विश्वविद्यालय की हाल ही में सौवीं वर्षगांठ मनाई गई। 1911 में स्थापित छिंगहुआ विश्वविद्यालय का इतिहास कम रोचक नहीं है।22 अप्रेल 1911 को पूर्व शाही बगीचे के एक भाग में छिंगहुआ विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।छिंग राज्य में विदेशी साम्राज्यवादियों,मिशनरियों के खिलाफ हुए चीन में बाक्सर विद्रोह में विदेशियों को बंदी बना लिया गया था जिन्हें छुड़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त सेना ने बीजिंग के खिलाफ कार्रवाई कर बीजिंग को घेर लिया। |
चीनी मेटरो की कहानी दोस्तो, आप भारत में दिल्ली में हाल ही में बनी मेटरो के बारे में तो जानते ही होंगे,शहर में मेटरो यातायात को कितना आसान बना देती है,यह आप कभी मेटरो में यात्रा करके देंखें।बस या कार में यात्रा करने से कभी ट्रैफिक की भीड़ के कारण या कभी लाल बत्ती के कारण दस किलोमीटर के सफर के लिए भी घंटा लग जाता है,किंतु मेटरो में ट्रैफिक जाम या लाल बत्ती का कोई झंझंट नहीं रहता और दस किलोमीटर का सफर पलक झपकते ही पूरा हो जाता है।आधुनिक युग में मेटरो शहरों में लोगों के लिए अत्याधुनिक सुविधाजनक यातायात का साधन है। चीन में मेटरो की क्या स्थिति है,यह जानने के लिए आज हम चीन में मेटरो के बनने के रोचक इतिहास के बारे में बात करेंगे। |
चीन में हिंदी
श्रोताओ,क्या आप को मालूम है कि चीन में हिंदी पढ़ने-पढाने की शुरुआत सन 1945 में हो गई थी जब पीकिंग युनिवर्सिटी में हिंदी विभाग शुरु हुआ,और एक समय वह भी था जब पीकिंग युनिवर्सिटी के हिंदी विभाग में पांच-पांच छह-छह भारतीय हिंदी अध्यापक थे। आज पीकिंग युनिवर्सिटी का हिंदी विभाग दक्षिण एशिया स्कूल का एक भाग है |
चीन में स्कूली शिक्षा
दोस्तो,हर समाज के चहुंमुखी विकास में शिक्षा की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है यह तो आप जानते ही हैं,तो आप यह जानने के लिए भी उत्सुक होंगे कि दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत के रुप में उभर कर सामने आने वाले चीन में शिक्षा की क्या स्थिति है। तो आएं, चीन में सब से पहले स्कूली शिक्षा के बारे में कुछ जानकारी हासिल करें।लेकिन इस से पहले यह देखें कि चीन में शिक्षा का व्यापक परिदृश्य कैसा है। |
चीन में सामुदायिक जीवन जब मैं पहली बार चीन आया,उस समय चीन के बारे में,चीन में लोगों का शहरी जीवन कैसा है,लोग कैसे रहते हैं,इस के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी।आने के बाद मुझे पीकिंग विश्वविद्यालय में ही रहने का मौका मिला।उस समय बीजिंग में जितने भी विदेशी रहते थे,जो विश्वविद्यालय,में रेडियो में या अन्य संस्थाओं में काम करते थे,वे आमतौर पर या तो विश्वविद्यालय में या फ्रेंडशिप होटल में रहते थे।विदेशी लोग किराए पर मकान ले कर नहीं रह सकते थे।फ्रेंडशिप होटल बीजिंग में विदेशियों के निवास स्थल के रुप में जाना जाता था |
वसंत त्योहार वसंत त्योहार को न केवल चीन में बल्कि एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है,इसलिए इसे एशियाई नए साल के रुप में भी देखा जाता है।वसंत उत्सव की पूर्व संध्या को परिवार के सब लोग एक साथ मिल बैठ कर खाना खाते हैं और गुजरे साल को विदाई देते हैं।वसंत उत्सव के आरंभ से सर्दी का मौसम भी विदा ले लेता है।वसंत उत्सव की शुरुआत चीनी कैलेंडर के अनुसार पहले माह की पहली तारीख से होती है और अंत इसी माह के 15वें दिन लैंटरल उत्सव से |
11-04-14 मैं पिछले पांच साल से सी आर आई की तमिल प्रसारण सेवा में काम कर रहा हूं।ये पिछले पांच साल मेरे लिए एक तरह से आंखें खोल देने वाले रहे हैं।क्योंकि चीन भी भारत की तरह एक विकासशील देश है।अगर हम एशिया के बारे में सोचें या बात करें तो चीन और भारत ये दो ऐसे देश हैं,जिन्हें पिछले कुछ दशकों से विशेष तौर पर एकस दशक से दो उभरते हुए शक्तिशाली देश ,दो आर्थिक शक्तियों के रुप मे देखा और माना जा रहा है।और यह बात सच भी है |
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