बाद में पता चला कि अमरीका को गलती से हरजाने में अधिक पैसा दे दिया गया है ।चीन ने अमरीका से इस अतिरिक्त पैसे को वापिस देने के लिए कहा।तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति रुजवेल्ट ने इस अतिरिक्त पैसे को छिंगहुआ स्कूल को देने का फैसला किया जहां अमरीका जा कर पढ़ने वाले चीनी विद्यार्थियों को तैयार किया जा सके। 1925 में इस स्कूल ने अपने कालिज विभाग की स्थापना कर चीनी भाषा में अध्ययन-अध्यापन और अनुसंधान शुरु किया।सन 1928 में अधिकारियों ने इस का नाम बदल कर नेशलन छिंगहुआ युनिवर्सिटी कर दिया ।1937 में द्वितीय विश्व युद्ध के शुरु होने पर छिंगहुआ विश्वविद्यालय,पीकिंग विश्वविद्यालय और नानखाए विश्वविद्यालय को मिला कर इन का नाम छांगसा अस्थाई विश्वविद्यालय कर दिया गया,और इन्हें छांगसा में स्थानांतरित कर दिया गया ,बाद में युन्नान में खुनमिंग में इन्हें नेशनल दक्षिण-पश्चिमी संघीय विश्विद्यालय के रुप में स्थानांतरित किया गया।युद्ध के बाद छिंगहुआ विश्वविद्यालय वापिस बीजिंग स्थानांतिरत हो गया और इस का सामान्य संचालन शुरु हुआ।1949 में चीनी लोक गणराज्य की स्थापना के बाद उस समय के छिंगहुआ विश्विद्यालय के कुलपति मे ई छी और कई अन्य प्रोफेसर थाईवान भाग गए जहां उन्होंने 1955 में नेशनल छिंगहुआ इंस्टीटयूट ऑफ न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी की स्थापना की।1952 में चीन सरकार ने देश की उच्च शिक्षा को सोवियत शैली में पुनर्गठित करने की कोशिश की.जिस में हर शैक्षिक संस्था किसी एक विषय में अध्ययन अध्यापन की सुविधा प्रदान करेगी।फलतः छिंगहुआ विश्वविद्यालय के कानून विभाग,कृषि विभाग और मानविकी विभाग खत्म कर दिए गए और यह पोलीटेक्निक इंजिनियरिंग विश्वविद्यालय बन गया।बावजूद इस के छिंगहुआ विश्वविद्यालय का स्थान चीन के उच्च नामी शैक्षिक संस्थानों में बना रहा।छिंगहुआ विश्वविद्यालय में हुए इस बदलाव के बाद अनेक वर्षों तक इसे चीन का एम आई टी यानिकि मैसाचुसट इंस्टीटयूट के नाम से पुकारा जाता रहा।किंतु 1980 से छिंगहुआ विश्वविद्यालय ने फिर एक बार अन्य विषयों के अध्ययन-अध्यापन को शामिल करना शुरु कर दिया।जिस के परिणाम स्वरुप कई नए विभाग खुल गए जिन में विज्ञान विद्यापीठ,व्यापार और प्रबंधन विभाग,मानविकी विद्यापीठ,सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ,कानून विद्यापीठ,सार्वजनिक नियम और प्रबंधन,और आर्टस एंड डिजाईन अकेडमी शामिल हैं।
देश और विदेश में छिंगहुआ विश्वविद्यालय को विश्व के उच्च विश्वविद्यालयों में शामिल किया जाता है।छिंगहुआ विश्वविद्यालय में प्रवेश पाना बहुत कठिन है।हर साल चीन के सालाना नेशनल कालिज एंट्रेंस परीक्षा में अधिकतम अंक पाने वाले विद्यार्थी छिंगहुआ विश्वविद्यालय का चयन करते हैं।
छिंगहुआ विश्वविद्यालय को जितने विश्व प्रसिद्ध गेस्ट स्पीकर आमंत्रित करने का श्रेय प्राप्त है दुनिया में उतने किसी और विश्वविद्यालय को नहीं है।बिल क्लिंटन,टोनी ब्लेयर,हेनरी कीसिंजर,कार्लस घोसन,हेनरी पाल्सन आदि ने यहां विद्यार्थियों को संबोधित किया है।
छिंगहुआ विश्वविद्यालय में 12 कॉलिज,48 विभाग,41 अनुसंधान इंस्टीटयूट,35 अनुसंधान केंद्र,और 15 मुख्य राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के साथ 167 प्रयोगशालाएं हैं।विश्वविद्यालय 51 स्नातक स्तरीय उपाधि कार्यक्रम,139 स्नातोकत्तर उपाधि स्तरीय कार्यक्रम,और 107 पी एच डी कार्यक्रम प्रदान करता है।साथ ही छिंगहुआ पहला चीनी विश्ववि्यालय है जहां अमरीकी कानून में स्नातकोत्तर स्तरीय उपाधि के लिए अध्ययन का कार्यक्रम है ।
छिंगहुआ विश्वविद्यालय में 1950 से बहुत से विदेशी छात्र शिक्षा हासिल करते आ रहे हैं।जिन देशों से यहां विद्यार्थी शिक्षा हासिल करने आते हैं उन में अमरीका.जापान,दक्षिण कोरिया.फ्रांस,इग्लैंड,जर्मनी,कैनेडा,इंडोनेशिया और मलेशिया छात्रों की संख्या के हिसाब से प्रमुख हैं।
छिंगहुआ विश्वविद्यालय के बारे में कुछ रोचक जानकारी यह भी है।यहां मकैनिक्ल इंजिनियरिंग विभाग में छात्र और छात्रों की संख्या में बहुत अंसतुलन है।2009 में भर्ती स्नातक छात्रों में 92 छात्र और केवल 4 छात्राएं थीं।कंप्युटर साईंस विभाग में कुल 146 विद्यार्थियों में केवल 10 छात्राएं थीं। विदेशी भाषा विभाग में स्थिति इस से बिलकुल विपरित है,जहां 64 छात्राएं हैं और 12 छात्र।लेकिन फिर भी छिंगहुआ छात्र बहुल विश्वविद्यालय है जहां हर तीन छात्रों में दो छात्र हैं।
बिल गेटस को सन 2007 में छिंहुआ ने माननीय डॉक्टरेट की उपाधि दे कर सम्मानित किया था।
अक्टूबर 2001 में पहली बार छिंगहुआ ने एक विदेशी अमरीका की इंजिनीयरिंग अकेडमी के फैलो गेबरियल सालवेंडी को छिंगहुआ इंडस्ट्रियल इंजियरिंग विभाग का डीन नियुक्त किया।
छिंगहुआ विश्वविद्यालय का एक जुड़वां विश्वविद्यालय है जिस का नाम है नेशनल छिंगहुआ विश्विद्यालय।यह थाईवान में है।दोनों मूल छिंगहुआ विश्विद्यालय के हिस्से हैं।
छिंगहुआ विश्वविद्यालय को चीन के राजनीतिज्ञों की नर्सरी के रुप में भी जाना जाता है।अभी तक एक चीनी राष्ट्रपति,एक प्रधानमंत्री,नौ उपप्रधानमंत्री,चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के 50 सदस्य,25 अन्य सदस्य,एक चीफ जस्टिस और सुप्रीम पीप्लस प्रोक्युरेटोरेट का एक चीफ,ये सभी छिंगहुआ विश्वविद्यालय से स्नातक हुए हैं।
सन 1997 में छिंगहुआ ने एक आई टी कम्पनी की स्थापना भी की,जिस का नाम है छिंगहुआ थांगफांग,यह कंपनी शांगहाई स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिड है। सन 2009 के अंत तक कंपनी की कुल संपत्ति और मुनाफा 37 लाख अमरीकी ड़ॉलर था।यह कंपनी चीन की उच्च 100 वैज्ञानिक और तकनीकी कंपनियों में एक मानी जाती है।