अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।
अखिल- दोस्तों, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे बनें एक अच्छा वक्ता की दुसरी कड़ी।
एक सामान्य व्यक्ति भी भीड़ से अलग नजर आ सकता है, यदि वह एक अच्छा वक्ता हो! यदि आप ग्रुप सेमिनार, किसी मीटिंग, या स्टेज पर जाने के नाम से डरते हैं, भीड़ को संबोंधित करने का सोचकर आपके पैर कांपते हैं, या जब आप सामने वाले तक अपनी बात पहुंचाते हैं तो वह आपकी बातों को इग्नोर कर देता है.. तो ये टिप्स आपकी मदद कर सकता है।
तो आईए जानते हैं एक अच्छा वक्ता बनने के बाकि के 7 तरीके :
11) एक सामान्य व्यक्ति बनकर अपनी बात कहें :
कुछ लोग स्टेज पर जाते ही खुद को बड़ा समझने लगते हैं और सुनने वाले को एकदम सामान्य! आप श्रोताओं को कभी खुद से कम मत आंकिये क्योंकि श्रोता आपको सुनने के लिए उपस्थित हैं इस कारण आप स्टेज पर खड़े हैं. बड़ी-बड़ी बातों से डींगें हांकने की जगह साधारण इंसान की तरह सामान्य शब्दों में अपनी बात श्रोताओं तक पहुंचाइए. इस बात का ध्यान मन में हमेशा होना चाहिए कि बड़ी-बड़ी और साहित्यिक बातें सिर्फ प्रशंसा के लिए अच्छी लगती हैं परन्तु सामान्य बातें सीधे श्रोता के दिल पर असर डालती हैं. बड़ा व्यक्ति जितना ज़मीन से जुड़कर बात कहता है उतनी ही ज्यादा वह प्रसिद्धि हासिल करता है..
12) नकल का नहीं अकल का करें इस्तेमाल :
कई लोग दूसरों के स्पीच की नकल को हुबहू श्रोताओं तक पहुँचाते हैं लेकिन जो श्रोता उसी स्पीच को सुन चुके हैं उसे सुनने के लिए वो दोबारा अपना समय नष्ट नहीं करेंगे. इसलिए अपने अक्ल और मन से काम लीजिए. शब्दों में सादगी के साथ अपने भाषण की शुरूआत कीजिये. किसी भी भाषण में अपने स्वयं की अलग पहचान बनाने का प्रयास कीजिये. आपकी फीलिंग्स जो आपके दिल और शरीर को एक सामान्य सी अवस्था में व्यक्त करता है, वे सब दूसरों की नकल से कभी भी पैदा नहीं हो सकतीं हैं.. इसलिए जितना अच्छा हो सके स्टेज पर खुद की छवि बनाने का प्रयास करें।
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