अभी वे बात कर ही रहे थे कि एक बड़ा सा बगुला तालाब के किनारे आकर बैठ गया. "वाह, अभी मुसीबत कम थी क्या कि ये बगुला मुझे खाने आ गया… अब तो मेरी मौत निश्चित है", फ्रैंक लगभग रोते हुए बोला.
"घबराओ मत जल्दी करो मेरे साथ चलो, वहां कोई बगुला नहीं आता…", फ्रेडी कूदते हुए बोला. फ्रैंक उसे जाते हुए देख ही रहा था कि बगुले ने उसे अपनी चोंच में दबा लिया… मरते हुए फ्रैंक मन ही मन सोच रहा था कि बाकि मेंढक कितने लकी हैं!
दोस्तों, बहुत से लोग फ्रैंक की तरह होते हैं, वे अपनी मौजूदा परिस्थिति से खुश नहीं होते, पर वे उसे बदलने के लिए हिलना तक नहीं चाहते.. वे अपनी नौकरी, अपने business, अपने माहौल, हर किसी चीज के बारे में शिकायत करते हैं… कमियां निकालते हैं पर उसे बदलने का कोई प्रयास नहीं करते. और हैरानी की बात ये है कि वे खुद भी जानते हैं कि उनकी life कैसे बदल सकती है; पर वे कोई effort नहीं करते… और एक दिन बस ऐसे ही, सस्ते में दुनिया से चले जाते हैं।
क्या आप अपनी परिस्थितियों से खुश नहीं हैं, शायद आप न हों, पर इसमें कोई बुरी बात नहीं है… बुरी बात तब होगी जब आप उसे बदलने के लिए कोई प्रयास नहीं करते… इसलिए इस बात को कभी मत भूलिए कि आपके अंदर चीजों को बदलने की शक्ति है… और वो सिर्फ आप ही हैं जो आपकी life बदल सकता है. तो चलिए उठिए, अगर आपका तालाब गन्दा है तो उसे साफ़ कीजिये… नहीं तो किसी साफ़ तालाब में चले जाइये!
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