पाओ ह महल
पाओ ह महल का पुराना नाम था चिन शन महल। मिंग राजवंश के सम्राट च्या चिंग के शासन काल में इसे च्येन ची महल का नाम दिया गया। छिंग राजवंश के सम्राट श्वुन ज़ी के राजकाल में इस का नाम बदलकर पाओ ह महल रखा गया। मिंग राजवंश के सम्राट योंग ल के 18वें वर्ष(सन् 1420) में इस का निर्माण पूरा हुआ था। वह चुंग ह महल के पीछे शाही प्रासाद के तीन प्रमुख महलों में से एक है। पाओ ह महल हर नये साल की पूर्वसंध्या में सम्राट द्वारा कुछ अल्पसंख्यक जातियों के राजाओं व राजकुमारों का सत्कार करने का स्थल था और प्राचीन काल में शाही ओहदे के लिए सरकारी परीक्षा पद्धति के अंतर्गत सम्राट द्वारा परीक्षा लेने का स्थल भी था। पाओ ह भवन में आयोजित परीक्षा चीन की प्राचीन सरकारी परीक्षा व्यवस्था में सब से ऊंचे स्तर की परीक्षा थी, जो हर तीन सालों में एक बार आयोजित की जाती थी। परीक्षा में उत्तीर्ण हुए व्यक्ति को"चिन शी"कहलाता था। पहले नम्बर पर आने वाले चिन शी को"ज्वांगय्वान", दूसरे नम्बर को"बांगयान"और तीसरे नम्बर को"थानह्वा"उपाधि दी जाती थी।