वेई व जिन राजकाल और दक्षिणी व उत्तरी राज्य काल(ईस्वी 220—ईस्वी 589)
वेई व जिन राजकाल और दक्षिणी व उत्तरी राज काल में चीन लम्बे समय से राजनीतिक विभाजन की स्थिति में रहा था, इसलिए पश्चिमी क्षेत्रों और रेशम मार्ग का संचालन करने की क्षमता में भारी कटौती पड़ी थी। फिर भी इस जमाने में रेशम मार्ग नहीं टूटा था। कुछ क्षेत्रों में बहुत समृद्धि भी नज़र आयी थी। उस समय भारत व मध्य एशिया से बहुतसे बौद्ध धर्म के भिक्षु चीन आए और उन्होंने चीन के बौद्ध धर्म व संस्कृति के विकास में जीवनी शक्ति लायी। इस के साथ ही चीनी बौद्ध धर्म के विद्वानों ने भी पश्चिम की तीर्थ यात्रा करनी शुरू की। इस के अलावा, मध्य चीन क्षेत्र में लगातार लड़ाइयां होने की वजह से बड़ी तादाद में चीनी लोग रेशम मार्ग से पश्चिम की ओर भागे, जिससे चीनी संस्कृति के पश्चिम में प्रसार होने को बढ़ावा मिला था।