ईसा पूर्व 119 में चांग छ्यान ने दूसरी बार पश्चिमी क्षेत्रों की यात्रा की। इस बार चांग छ्यान और दूर तक पहुंचा। चांग छ्यान ने अपने उप दूतों को पश्चिमी क्षेत्रों के विभिन्न राज्यों के लिए भी भेजा। उन्होंने दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और भूमध्य सागर पहुंचकर दस से ज़्यादा देशों का भ्रमण किया।
सम्राट हान वू ती ने दो बार चांग छ्यान को पश्चिमी क्षेत्रों का दौरा करने के लिए भेजा, इस का राजनयिक मिशन था हूण पर धावा बोलने के लिए सामरिक गठबंधन की स्थापना करना। लेकिन उस का नतीजा यह निकला था कि चीन सरकार व पश्चिमी क्षेत्र के विभिन्न राज्यों के बीच औपचारिक सरकारी राजनय की स्थापना की गयी और सांस्कृतिक आदान प्रदान को आगे बढ़ाया गया था। इस से यूरोप जाने के लिए अनिवार्य मार्ग----पश्चिमी क्षेत्रों का मार्ग खुला था। महान रेशम मार्ग चांग छ्यान की पश्चिमी क्षेत्रों की यात्रा से पूर्ण रूप से खुल गया। चांग छ्यान की दो बार पश्चिमी यात्रा से पश्चिमी राज्यों को जाने वाला मार्ग खुला था। हान राजवंश और पश्चिमी क्षेत्रों के बीच संपर्क को प्रगाढ़ करने और हान राजवंश के लोगों के पश्चिमी क्षेत्रों में व्यापार करने को प्रोत्साहित करने के लिए हान वू ती ने सिलसिलेवार कदम उठाए। इस जमाने में रेशम मार्ग में ऊंटों की घंटियों की ध्वनि गूंजती रही, विभिन्न सभ्यताओं के बीच लोगों की आवाजाही दिन ब दिन घनिष्ट होती रही, मालों की अदला-बदली व्यस्त रही। चीन और मध्य एशिया, दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच व्यापारिक आवाजाही सच्चे माइने में स्थापिक हो गयी।