चंद्रिमाः अगला पत्र वैशाली बिहार से मोती रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष कुमार जय बर्द्धन का है। उन्होंने लिखा है कि मैं सीआरआई का नियमित श्रोता हूं। आपके सभी कार्यक्रम रोचक व मनोरंजक होते हैं। पिछले दिनों मुझे आपकी तरफ से पुरस्कार के रूप में टीशर्ट मिला। मैं उसका फोटो आपके पास भेज रहा हूं। आप उसे श्रोता वाटिका में जरूर छापेंगे। जिससे दूसरे श्रोताओं का विश्वास बढ़ सके और वे लगन के साथ सीआरआई सुन सकें। जय बर्द्धन जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। हमने आपका फोटो श्रोता वाटिका के संपादक को सौंप दिया है। आशा है श्रोता वाटिका के अगले अंक में आपको यह फोटो जरूर देखने को मिलेगा।
विकासः अगला पत्र दिल्ली से हमारे श्रोता अमीर अहमद का है। उन्होंने श्याओ थांग दीदी को संबोधित करते हुए पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि वास्तव में सी आर आई विश्व का सबसे अच्छा एवं सबसे विशाल प्रसारण केंद्र है। जिस प्रकार इस प्रसारण केंद्र ने तेजी से विकास किया है उसी प्रकार इसके श्रोताओं का संख्या में भी तेजी से वृद्धि आयी है। कुछ वर्ष पूर्व इसके श्रोता सिर्फ गांववासी ही होते थे परंतु आज गांव के साथ-साथ शहरी लोग भी आपके कार्यक्रम सुनते हैं। अमीर अहमद जी आपकी प्रशंसा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। यह तो श्रोताओं का प्यार और सम्मान है जो वे सीआरआई का कार्यक्रम सुनते हैं। आप सभी का यही प्यार हमें मनोरंजक और रोचक कार्यक्रम बनाने के लिए उत्साहित करता है।
चंद्रिमाः अगला पत्र पंजाब से तरसेम टांगरी का है। उन्होंने पत्र में सीआरआई की 70वीं वर्षगांठ ज्ञान प्रतियोगिता के उत्तर भेजे हैं। तरसेम जी इस प्रतियोगिता का परिणाम बहुत पहले प्रकाशित किया जा चुका है। लेकिन आप निराश न हों नियमित रूप से हमारे कार्यक्रम सुनते रहें, एक न एक दिन आपको भी पुरस्कार अवश्य मिलेगा। इसके बाद एक पत्र भागलपुर बिहार के एकता रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष खालिद अंसारी का है। उन्होंने शिकायत करते हुए लिखा है कि आपके द्वारा भेजी गई सामग्री हमेशा देर से मिलता है। इसका क्या कारण है। खालिद भाई हम यहां से पत्र नियत समय पर ही भेजते हैं लेकिन भारत पहुंचने के बाद पत्र आप लोगों के पास पहुंचने में देर हो जाता है। इसका स्पष्ट कारण हमें भी मालूम नहीं है। आशा है अगली बार आपको नियत समय पर पत्र प्राप्त हो सकेगा।