विकासः आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आप सभी श्रोताओं का स्वागत है। विकास का नमस्कार।
चंद्रिमाः दोस्तों आप सभी को चंद्रिमा का भी नमस्कार।
विकासः चंद्रिमा मुझे कुछ कहना है।
चंद्रिमाः किससे कहना है।
विकासः अपने श्रोताओं से कहना है, खासकर ऐसे श्रोताओं से जो हमेशा वेबसाइट पर हमारे कार्यक्रम देखते हैं।
चंद्रिमाः तो आप क्या कहना चाहते हैं।
विकासः मैं कहना चाहता हूं कि प्यारे श्रोता, जब आप वेबसाइट पर हमारे कार्यक्रम देखते या पढ़ते हैं तो उस पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर लिखें क्योंकि आपकी प्रतिक्रिया ही हमें कार्यक्रम में सुधार के मौके देते हैं।
चंद्रिमाः विकास जी आपका यह सुझाव बहुत अच्छा है। आशा है हमारे श्रोता इस पर जरूर ध्यान देंगे। चलिए अब इसी के साथ हम कार्यक्रम की शुरूआत करते हैं। आज का पहला पत्र समस्तीपुर बिहार के पी सी गुप्ता का है। इस पत्र में उन्होंने अपना एक फोटो के साथ-साथ चार कविताएं भी भेजी हैं। पत्र में लिखा है कि दीपक कुमार दास की चीन यात्रा के बारे में सुना। उनकी यात्रा काफी सुखद थी। दीपक कुमार दास की तरह उनकी भी ईच्छा है कि चीन की यात्रा करें।
विकासः पी सी गुप्ता जी आशा है आपकी कविता को श्रोता वाटिका में जरूर जगह मिलेगा। आपको हमारे कार्यक्रम का समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। अगला लिफाफा बहुत मोटा है लेकिन इसमें कोइ पत्र नहीं है। यह पत्र बांग्लादेश से सुलेमान मलिक का है। इसमें किसी प्रतियोगिता के उत्तर लिखे हुए हैं। सुलेमान जी आपका हमारे प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। लेकिन आपको एक सुझाव भी देना चाहता हूं कि कृप्या प्रतियोगिता का नाम भी लिखा करें जिससे हमें पता चल सके कि आपने किस प्रतियोगिता में भाग लिया है। पत्र के लिए आपका शुक्रिया।
चंद्रिमाः अगला पत्र मुबारकपुर आजमगढ़ से शमसुद्दीन साकी अदीबी का है। उन्होंने लिखा है कि सी आर आई का कार्यक्रम प्रतिदिन सुनता हूं। हिंदी कार्यक्रम बहुत पसंद है। 15 नवंबर को प्रस्तुत किया गया सभी कार्यक्रम बहुत अच्छा था। श्रोता के साथ बातचित काफी रोचक था। उन्होंने हमें एक फ्रिक्वेंसी रिपोर्ट भी भेजा है। अदीबी साहब कार्यक्रम सुनने के लिए धन्यवाद। आशा है आप आगे भी हमारे कार्यक्रम का समर्थन करते रहेंगे।