पठार की खास परिस्थिति के कारण वर्ष 2004 से पहले नाग्जू शाखा कमान में डिस्पोज़ेबल सीरींज का कम इस्तेमाल किया जाता था।आम तौर पर कांच की सीरींज का प्रयोग ही होता था।और सुई का प्रेशर कूकर में कीटाणुमुक्त किये जाने के बाद बार-बार इस्तेमाल किया जाता था।लेकिन इस तरह के कीटाणु-शोधन का कोई निश्चित मापदंड नहीं था।इसके अलावा पठार में विशेष प्राकृतिक परिस्थिति में चिकित्सा उपकरणों को ज़्यादा तेज़ी से बदला जाना चाहिये।इसलिये फङ यान ने डिस्पोज़ेबल सीरींज का इस्तेमाल करने की राय दी।फङ यान ने कहा:
"एक बॉक्स में 10 से 20 तक सीरींज रखे जाते थे।इन्हें प्रेशर कूकर में डाले जाने के बाद कीटाणुमुक्त किया जाता था।वहां के पानी की गुणवत्ता अच्छी नहीं है।कुछ समय बाद सीरींज में अशुद्धियों की परत धीरे-धीरे जम जाती थी।कुछ सीरींज काम के लायक न रहने के बाद हमें नयी सीरींज लेने के लिए आवेदन करना पड़ता था।मुझे लगा कि इससे फ़िजूलखर्ची हो रही है।इसलिये मैंने एक परियोजना बनायी,जिसके तहत पुरानी सीरींज और डिस्पोज़ेबल सीरींज की तुलना की गयी थी।"