लेकिन हर बार फङ यान जब भी प्यारे-प्यारे तिब्बती बच्चों को देखती हैं,तो उन्हें अपनी बेटी की याद आ जाती है।जन्म के बाद फङ यान की बेटी हान हान स्छ्वान के घर में नाना-नानी के साथ रहती है।काफ़ी लंबे समय केवल टैलीफ़ोन के जरिए मां-बाप के साथ बात करने की वजह से हान हान के दिल में मां-बाप तो टैलीफ़ोन ही बन गया है।यहां तक कि जब फङ यान स्छ्वान गयीं,तो हान हान की नानी ने कहा कि तेरी मां वापस आई है।फङ यान की गोद में जाने की बजाय हान हान सीधे फ़ोन के पास कमरे में दौ़ड़ गयी।
इस बात की याद करते हुए फङ यान अक्सर चोरी-चोरी आंसू बहाती हैं। अब हानहान 7 वर्ष की हो गयी है।फङ यान की नज़र में वह एक बड़ी बच्ची हो चुकी है। फङ यान ने हमें बताया:
"अब वह समझदार बेटी हो गयी है।कभी-कभी वह गलती करती है, उस समय वह फ़ोन पर मुझ से बात नहीं करना चाहती है।क्योंकि उसे चिंता है कि मैं उसे डांटूगी ।इस स्थिति के अलावा हम हमेशा फ़ोन पर काफ़ी बातें करती हैं, जैसे उसके पकड़ने वाले मेढक के डिंभकीट कैसे हैं।कुछ समय पहले उसने बड़ी खुशी और गर्व से मुझे बताया कि उसे मॉनीटर चुना गया है।अपनी बेटी से मैं ज़्यादा मांग करती हूं।"
अपने काम की चर्चा में फङ यान ने बहुत सी बातें कीं।पठार में तैनात सैनिकों की चिकित्सा स्थिति सुधारने के लिये उन्होंने डिस्पोज़ेबल सीरींज का प्रयोग करने का सुझाव दिया।