यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, श्याओ थांग की नमस्ते। चीन का तिब्बत कार्यक्रम सुनने के लिए आप का स्वागत है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को तिब्बत के बर्फिले बठार में 12 सालों में चिकित्सीय सेवा करने वाली डॉक्टर फङ यान की कहानी सुनाऊंगी।
करीब 4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तिब्बत का नाग्जू चीन में एक ऐसी काउंटी है,जहां कोई पेड़-पौधा नहीं उगता है। महिला सैन्य चिकित्सक फङ यान वहां 12 साल से रह रही हैं और स्थानीय तिब्बती लोगों का उपचार कर रही हैं और तिब्बत स्थित सेना के लिये नर्सिंग व्यवस्था की व्यवस्थता देखती हैं।इसके अलावा वे अपने वेतन से कल्याण संस्थान में रह रहे तिब्बती बच्चों की मदद करती हैं।नाग्जू जीव-वर्जित क्षेत्र माना जाता है।वर्तामान में फङ यान नाग्जू में इकलौती महिला सैनिक हैं।
32 वर्षीय फङ यान तिब्बत सैन्य कमान की नाग्जू शाखा के क्लिनिक में एक नर्स हैं। नाग्जू कैसा है? नाग्जू शाखा के कमांडर हो शैन ल्यांग ने खराब स्थानीय मौमस की जानकारी देते हुए कहा:
"हमारी शाखा की सेना उत्तर तिब्बत और छिंगहाई-तिब्बत पठार के केंद्र में तैनात है।इस क्षेत्र की औसत ऊंचाई 4507 मीटर है।इस कारण इसे विश्व की छत की चोटी और जीव-वर्जित क्षेत्र आदि नाम दिये गए हैं।यहां का औसत सालाना तापमान शून्य से 3 डिग्री कम सेल्सियस रहता है।न्यूनतम तापमान शून्य से 41 डिग्री सेल्सियस चला जाता है।यहां हवा में ऑक्सीजन की मात्रा सिर्फ़ समुद्र सतह के 48 प्रतिशत के बराबर है।"
इस तरह की परिस्थिति में पौधे भी नहीं उग सकते हैं।विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद अच्छा परिणाम प्राप्त करके फङ यान ने सबसे कठोर स्थिति वाली जगह नाग्जू में काम करने का फ़ैसला किया।यह सभी लोगों की कल्पना के बाहर था।इस तरह से फङ यान नाग्जू शाखा कमान की स्थापना से लेकर 57वीं महिला सैनिक बन गयी .फङ यान के पिता एक वरिष्ठ सैन्य चिकित्सक हैं,जिन्हें तिब्बत में काम करते हुए 35 वर्ष हो गये हैं।हालांकि फङ यान का पैतृक घर स्छ्वान में है, तिब्बत में जन्मी और पली-बढ़ी फङ यान को छिंगहाई-तिब्बत पठार के प्रति विशेष स्नेह है।