हमारे संवाददाता ने देखा कि सुश्री यांग के पास सब्ज़ी खरीदने वालों की ज्यादा संख्या है। ग्राहकों ने कहा कि वे इस दुकान के पुराने ग्राहक हैं। दुकान की सब्ज़ी ताज़ा ही नहीं, सस्ती भी है। दुकानदार सुश्री यांग ने कहा:"मेरे क्षेत्र में बहुत से लोगों के पास सब्जियां उगाने के लिये ग्रीन हाउस होते हैं। मैं उनसे सब्ज़ी खरीदती हूँ, न कि थोक बाज़ार से। इस तरह मेरी दुकान में बेची हुई सब्ज़ी सस्ती और ताज़ा रहती है। आजकल ल्हासा में सब्ज़ियों के ग्रीन हाउस बहुत ज्यादा है, जहां तरह-तरह की सब्ज़ियां उगाई जाती हैं।"
दुकानदार सुश्री यांग के साथ बातचीत करते समय हमारे संवाददाता को पता लगा कि आजकल ल्हासा के आसपास स्थित उपनगरों और कांउटियों में कई सब्ज़ी उगाने के ग्रीन हाउसों की स्थापना हुई है। पहले लम्बे सफ़र के परिवहन की आवश्यकता वाली सब्ज़ियां आजकल ल्हासा में उगायी जा रही हैं। सब्ज़ी-वाले थोक बाज़ार के बजाए ग्रीन हाउसों से सीधे तौर पर सब्ज़ी खरीकर वे बाज़ार में बेचते हैं, इस तरह दाम गिर जाते हैं।