छिंगहाई तिब्बत पठार के मध्य में स्थित ल्हासा शहर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी है, जहां की ऊंचाई समुद्री स्तर से 3650 मीटर है, और विश्व में समुद्र के सतह से सबसे ऊंचे शहरों में से एक भी है। ल्हासा शहर का सालाना तापमान आमतौर पर कम रहता है, यहां पर वर्षा कम होती है और ऑक्सीजन भी कम है। कठोर प्राप्कृतिक और मौसमी पर्यावरण में आम दिनों में स्थानीय वासी क्या सब्ज़ी खाते हैं?इसी सवाल को साथ लेकर हमारे संवाददाता ने ल्हासा शहर के केंद्र स्थित याओ वांगशान कृषि उत्पाद बाज़ार का दौरा किया।
याओ वांगशान कृषि उत्पाद बाज़ार में प्रवेश करते ही हमारे संवाददाता की नज़र में भिन्न-भिन्न किस्मों वाली सब्ज़ियों की तरफ़ जाती है। ककड़ी, टमाटल, मिर्च, तरबूज़, बीन्स, बैंगन आदि सब्ज़ी देखी जा सकती हैं। सब्ज़ी-वाले के बूथ या दुकान के सामने ग्राहकों की भीड़ लगी है, वे अपनी पसंदीदा सब्ज़ी चुनने में व्यस्त हैं। दादी मां छाईतान एक सब्ज़ी-वाले के बूथ के सामने मकई चुन रही हैं, उसने हमारे संवाददाता से कहा कि हर दिन वह सब्ज़ी खरीदने बाज़ार आती है, आजकल ल्हासा वासियों के पास खाने के लिये ढेरों सब्जियां हैं। दादी मां ने कहा:
"यहां तरह-तरह की किस्मों की सब्ज़ियां हैं। यहां पहले सिर्फ़ आलू, गोभी और मूली जैसी सब्ज़ियां बेची जाती थीं, हम दूसरे प्रकार वाली सब्ज़ी कम खाते थे। लेकिन हाल के वर्षों में कई दूसरी तरह की सब्ज़ियां खा सकते हैं। अगर किसी की आर्थिक स्थिति अच्छी है तो वो अपनी पसंदीदा ताज़ा सब्ज़ी खरीद सकता है।"
याओ वांगशान बाज़ार में सब्ज़ी बेचने वाली महिला यांग को सब्जी बेचने का सबसे ज्यादा अनुभव है। भीतरी इलाके के स्छ्वान प्रांत के लूचो शहर से आई सुश्री यांग अपने पति के साथ ल्हासा में सब्ज़ी का सौदा करने आए सात आठ साल बीत चुके हैं। उसने हमारे संवाददाता को बताया कि पहले भीतरी इलाकों में कई दिनों की यात्रा के बाद यहां सब्जियां आती थीं। इस तरह ल्हासा तक पहुंचने के बाद सब्ज़ियां ताज़ा नहीं रह पाती थीं। यही नहीं, लम्बे सफ़र के कारण सब्जियां महंगी हो जाती थीं।