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अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।
अनिलः दोस्तो, लीजिए, प्रोग्राम शुरू करते हैं।
अनिलः दोस्तो, एक शताब्दी पहले आइंस्टीन ने अंतरिक्ष में जिन गुरुत्वाकर्षण लहरों की भविष्यवाणी की थी उसे वैज्ञानिकों ने अंतत: ढूंढ निकाला है। वैज्ञानिकों ने पिछले दिनों इसकी घोषणा की और इस सफलता की खुशी की तुलना गैलिलियो द्वारा टेलीस्कोप से पहली बार ग्रहों के देखे जाने से की। वैज्ञानिकों ने इसे खगोलशास्त्र की महत्वपूर्ण खोज बताया है।
ब्रह्मांड में होने वाले जबरदस्त टकरावों से उत्पन्न होने वाले इन तरंगों की खोज से खगोलविद काफी खुश हैं क्योंकि इससे ब्रह्मांड को देखने का एक नया नजरिया मिल गया है। उनके लिए यह एक मूक फिल्म को आवाज देने जैसा है क्योंकि ये तरंगे ब्रह्मांड की आवाज हैं। खोज टीम में शामिल कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट स्जाबोल्क्स मार्का ने कहा, 'अभी तक हमारी सिर्फ नजरें आसमान पर थीं और हम उसका संगीत नहीं सुन सकते थे। अब आकाश पहले जैसा नहीं होगा।'
शोधकर्ताओं ने घोषणा की कि 1.3 अरब वर्ष पहले जब दो ब्लैक होल टकराए थे तो इन दोनों के जुड़ने से एक तरंग अंतरिक्ष के रास्ते 14 सितंबर 2015 को पृथ्वी पर पहुंचा। जटिल यंत्रों के जरिए इसकी खोज की गई। इस घटना की पहचान अमेरिका स्थित दो भूमिगत डिटेक्टरों ने की। इन डिटेक्टरों को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है जो गुरुत्व तरंगों से गुजरने वाली अत्यंत छोटी कंपन का भी पता लगा सकते हैं।
इस परियोजना को लेसर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल ग्रैविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी या लिगो के नाम से जाना जाता है जिसकी लागत 1.1 अरब डॉलर है। इस परियोजना की फंडिंग करने वाले अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक फ्रांस कोरडोवा ने कहा, 'लिगो ने एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में पूरी तरह एक नये क्षेत्र की शुरुआत की है।'