चित्रकला व अनुसंधान कला
बौद्ध धर्म के चीन में प्रवेश करने के बाद पश्चिमी क्षेत्रों की कला भी बौद्ध धर्म की कला के रूप में चीन में विकसित हो गयी। बौद्ध धर्म कला में गुफ़ा खुदाई कला, मूर्तिकला व भित्ति चित्रकारी आदि से चीनी व पश्चिमी सांस्कृतिक आदान प्रदान की कलात्मक उपलब्धियां पूर्ण रूप से प्रतिबिंबित हुई थीं। त्वुन ह्वांग, युन कांग, लुंग मन, मेई ची शान आदि गुफ़ाओं में अभिव्यक्त बौद्ध धर्म कला में विदेशी संस्कृति व कला की स्टाइल देखने को मिलती थी। ये कलाएं मुख्य रूप से भारतीय बौद्ध धर्म की कला स्टाइल से विकसित हुईं, साथ ही ग्रीस व रोमन की कला से भी प्रभावित हुई थीं। थांग राजवंश (ईस्वी 618---ईस्वी 907) में फ़ारस की संस्कृति का मध्य चीन की संस्कृति पर भी प्रभाव पड़ने लगा। पश्चिमी क्षेत्रों के चित्रकारी के आने से चीन की चित्रकला विकास के एक नये काल में प्रवेश कर गयी।