पश्चिमी सभ्यता पर पूर्वी सभ्यता का अहम प्रभाव
चीन एक प्राचीन सभ्यता वाला देश है, जिसके पास श्रेष्ठ, प्रचुर व विविध सांस्कृतिक विरासतें हैं। खास तौर पर प्राचीन काल में चीन के विज्ञान तकनीक लम्बे समय में विश्व के समुन्नत स्थान पर रहे थे। रेशम मार्ग के खुलने से पूर्व व पश्चिम के बीच आवाजाही शुरू हुई। चीन की समुन्नत सभ्यता लगातार पश्चिम में पहुंचती फैलती गयी, जिसने विभिन्न स्तरों पर पश्चिम पर अहम प्रभाव डाला था और बड़ी हद तक विश्व सभ्यता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था। भौतिक आदान प्रदान के आधार पर रेशम मार्ग ने तत्कालीन कुछ समुन्नत विज्ञान व तकनीकों को भी पश्चिमी देशों में पहुंचाया। चीन की प्राचीन सभ्यता के प्रमुख प्रतीक के रूप में चार महान आविष्कारों को रेशम मार्ग के जरिए यूरोप यहां तक विश्व के विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचाया गया था।
कम्पास, कागज, मुद्रण कला और बारूद चीन के चार महान आविष्कार हैं। वे हैं प्राचीन सभ्यता के महत्वपूर्ण प्रतीक, जिन्होंने पूरे मानव समाज, खास तौर पर पश्चिमी सभ्यता के विकास को बढ़ाने में अहम भूमिका अदा की थी। पश्चिमी क्षेत्रों में कंपास के पहुंचने से समुद्री रेशम मार्ग की उत्पत्ति और समुद्र-यात्रा और नई महाद्वीपों का पता लगाने केलिए युगांतरकारी काम किया गया था। पश्चिमी क्षेत्रों में बारूद के पहुंचने से हथियारों के उत्पादन व निर्माण को आगे बढ़ाया गया, जिससे मानव जाति का युद्ध ठंड हथियारों के युग से अग्नि आयुध युग में प्रवेश कर गया और विश्व के ढांचे को बड़ी हद तक परिवर्तित किया गया। कागज निर्माण तकनीक व मुद्रण कला ज्यादा उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने पश्चिमी देशों में शिक्षा के सामान्यीकरण और तत्कालीन यूरोप की धर्म व राजनीति यहां तक पूंजीवाद की स्थापना और वैचारिक व सांस्कृतिक आदान प्रदान व प्रसार प्रचार पर गहरा प्रभाव डाला था। उन्होंने पश्चिम आधुनिक सभ्यता के लिए नींव डाली थी, दुनिया की सभ्यता के विकास, मानव समाज की प्रगति, आधुनिक व समकालीन सभ्यता की उत्पत्ति और विकास पर आधारभूत भूमिका अदा की थी, जिस के आधार पर पश्चिमी देशों ने आधुनिक सभ्यता की ओर बड़ा कदम बढ़ाया था।
चांग छ्यान की पश्चिमी क्षेत्रों की यात्रा के बाद चीन के लोह औजार व लोहा गलाने की तकनीक रेशम मार्ग के जरिए चीन के शिनच्यांग से मध्य एशिया पहुंचे। लोह औजारों का इस्तेमाल सामाजिक उत्पादन शक्ति के विकास स्तर की उन्नति के महत्वपूर्ण प्रतीकों में से एक था। सामाजिक उत्पादन में इन के इस्तेमाल से कृषि उत्पादन की श्रम दर उन्नत हो गयी और हस्त उद्योग के विकास को तेज़ किया गया, जिसने एक हद तक पश्चिमी माल अर्थतंत्र की उत्पत्ति और विकास के लिए भौतिक आधार तैयार किया था।
चीन में जल संरक्षण व सिंचाई की तकनीक हान राजकाल में पश्चिमी क्षेत्रों में पहुंचायी गयी। जल संरक्षण तकनीक के मध्य एशिया में पहुंचने के बाद वहां की पुरानी तस्वीर बदली गयी, प्रबल रूप से स्थानीय सिंचाई कार्य के विकास को आगे बढ़ाया गया और इन क्षेत्रों में फ़सलों की पैदावार को बड़ी हद तक बढ़ाया गया था।
चीन का चिकित्सा शास्त्र भी रेशम मार्ग के जरिए अरब में पहुंचा। 8वीं शताब्दी में चीनी चिकित्सा पद्धति का नब्ज देखने का निदान तरीका अरब दुनिया में पहुंचा। 16वीं शताब्दी के अंतिम काल से 17वीं शताब्दी की शुरूआत में यूरोप से माटो रिसी और अदेम शेल आदि लोगों ने चीन आकर《चीनी जड़ी-बुटियों का सार-संग्रह》पुस्तक का अनुवाद किया और यूरोप में इस का परिचय कराया। पूर्वी व पश्चिमी चिकित्सा शास्त्रों के आदान प्रदान से आधुनिक चिकित्सा के विकास को मदद मिली थी।