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    रेशम मार्गः पुराने समय में चीन व पश्चिम के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान का मुख्य रास्ता
    2014-12-22 09:11:59 cri

    रेशम मार्ग पुराने समय में यूरोप व एशिया की मुख्यभूमि को जोड़ने वाला प्रमुख व्यापारिक रास्ता था, जिसने यूरोप, एशिया व अफ्रीका के विभिन्न देशों व चीन के बीच मैत्रीपूर्ण आवाजाही को बढ़ावा दिया था। अर्थतंत्र को केंद्र बना कर भौतिक व मानसिक सभ्यताओं के आदान प्रदान से न केवल रेशम मार्ग के रास्ते में रहने वाली विभिन्न जातियों व राज्यों के भौतिक जीवन को समृद्ध कर दिया गया था, बल्कि मार्ग के आसपास क्षेत्रों, जातियों के सामाजिक ढांचे व सांस्कृतिक प्रगति पर अहम प्रभाव पड़ा था। रेशम मार्ग के जरिए प्राचीन चीनी संस्कृति, भारतीय संस्कृति, फ़ारसी संस्कृति, अरबी संस्कृति, प्राटीन ग्रीस संस्कृति व रोमन संस्कृति को सूत्रबद्ध कर दिया गया, पूर्वी व पश्चिमी सभ्यताओं के आदान प्रदान व विकास को भी आगे बढ़ाया गया था। प्राचीन रेशम मार्ग के खुलने से चीन व विश्व के आदान प्रदान को बढ़ावा मिला था। आवाजाही से विभिन्न देशों के आर्थिक व राजनीतिक विकास को बढ़ाया गया और विभिन्न देशों के भौतिक व मानसिक, सांस्कृतिक जीवन को विविध किया गया था। रेशम मार्ग के जरिए आदान प्रदान ने मनुष्य की प्रगति व विश्व की सभ्यता के विकास में योगदान दिया था और आधुनिक व समकालीन समाज की सभ्यता व विकास के लिए नींव डाली थी। उस का चीनी व विदेशी सांस्कृतिक इतिहास में मील पत्थर का महत्व होता था।

    रेशम मार्ग का सब से बड़ा महत्व है की उस के जरिए विदेशों में चीनी संस्कृति का प्रसार हुआ था और दुनिया चीनी संस्कृति से प्रभावित हुई थी। विशेषकर रेशम,चाय, चीनी मिट्टी बर्तन एवं चार आविष्कारों सहित चीनी संस्कृति का विश्व संस्कृति पर अहम प्रभाव पड़ा था। इस के अलावा रेशम मार्ग के जरिए चीनी लोगों के भौतिक व मानसिक जीवन और देश विदेश में सांस्कृतिक वैचारिक आदान प्रदान व जातियों के विलय पर अकूत प्रभाव पड़ा था।

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