भारतीय सम्पादक की अविस्मरणीय तिब्बत यात्रा छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने के बाद तिब्बत और बाह्य दुनिया के बीच दूरी कम हो गई और विश्व की छत पर पहुंचना आसान बात बन गयी । गत वर्ष भारत के एन.डी.टी.वी. के वरिष्ठ सम्पादक श्री नितिन गोखले ने तिब्बत की यात्रा की । नयी दिल्ली में स्थित हमारे संवाददाता ने हाल में उन के साथ एक साक्षात्कार किया ।
|
भारतीय समाचार पत्र टॉइम्स ऑफ़ इन्डिया के एडिटर श्री रंजन रॉय की नज़र में तिब्बत भारतीय समाचार पत्र टॉइम्स ऑफ़ इन्डिया के एडिटर श्री रंजन रॉय ने छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के जरिए चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का दौरा किया । उन्हें यह यात्रा बहुत पसंद आई। छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के जरिए तिब्बत की राजधानी ल्हासा तक सफर करना एक रोमांचकारी सफर है ।
|
छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग से तिबब्त के लिए फायदा तिब्बत और विश्व को जोड़ने वाले पुल के रूप में छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर विश्व का ध्यान केंद्रित हुआ है । रेल गाड़ी में सवार होकर सुविधा मिलेगी या नहीं, इस सवाल पर हर यात्री ध्यान देता है । छिंगहाई-तिब्बत रेल गाड़ी में किसी भी यात्री को पठारीय बीमारी होने या अन्य परेशानी होने की हालत में आपात-चिकित्सा का प्रबंध है । उन्हें बचाने के लिए रेडगाड़ी में विशेष चिकित्सा सेवा केंद्र स्थापित है ।
|
छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग से तिब्बत और दुनिया की दूरी कम गत वर्ष की पहली जुलाई को छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू हुआ, जिस से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में रेल मार्ग न होने का इतिहास समाप्त हुआ। वर्ष की चारों ऋतुओं की कड़ी परीक्षा में छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग खरा उतरा है और इस मार्ग से तिब्बत आने-जाने की बेहतर सुविधा का इंतजाम हुआ है ।
|
भारतीय संवाददाता की नज़र में छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग गत वर्ष की पहली जुलाई को राजधानी पेइचिंग से ल्हासा तक पहुंचने वाली प्रथम रेल गाड़ी पर विश्व का ध्यान केंद्रित हुआ था । आप नहीं जानते होंगे कि इस प्रथम रेल गाड़ी में एक भारतीय पत्रकार सुश्री पल्लवी अय्यर भी संवाददाता दल की एक सदस्या के रूप में सवार थीं । इस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा था क्यों कि इस ऐतिहासिक घटना में भाग लेना जीवन भर एक अविस्मरणीय याद के रुप में उन के साथ रहेगा ।
|
|