गत वर्ष की पहली जुलाई को विश्व में सब से ऊंचे और सब से लम्बे रेल मार्ग----छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू हुआ, जिस से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में रेल मार्ग न होने का इतिहास समाप्त हुआ। वर्ष की चारों ऋतुओं की कड़ी परीक्षा में छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग खरा उतरा है और इस मार्ग से तिब्बत आने-जाने की बेहतर सुविधा का इंतजाम हुआ है । छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग ने न सिर्फ़ तिब्बती लोगों के लिए विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में आने-जाने का रास्ता सुगम बनाया है, बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए बर्फीले पठार पर आने का रास्ता भी समतल किया है । छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने की पहली वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में हमारे संवाददाता ने तरह-तरह के व्यक्तियों से इन्टरव्यू लिया । उन में विद्यार्थी, व्यापारी, तिब्बती देशबंधु और विदेशी मीडिया के संवाददाता आदि शामिल हैं । उन की नज़रों में छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग कैसा है। छिंगहाई-तिब्बत रेल गाड़ी पर सफर करने के उन के अनुभव कैसे हैं ?
संगीत---
अभी आप ने सुना तिब्बती लड़के लड़कियों की"बर्फीले पहाड़ का लांगमा"नामक संगीत टीम द्वारा गाया गया गीत《रेल गाड़ी से पेइचिंग जाते हैं हम》। इस गीत में तिब्बती देशबंधुओं के नयी रेल गाड़ी में बैठ कर बर्फीले पठार से हो कर राजधानी पेइचिंग जाने की खुशियां अभिव्यक्त हुई हैं । गीत के बोल हैं:
रेल गाड़ी से पेइचिंग जा रहे हैं हम
बर्फीले पठार की शुभकामनाएं साथ ले कर
आप के लिए दिल से गीत गाते हैं हम
बेटा अपनी मां के लिए गा रहा है
रेल गाड़ी से पेइचिंग जा रहे हैं हम
छिंगहाई-तिब्बत का सूर्य ले कर जा रहे हैं हम
कामना है कि मातृभूमि का भविष्य और उज्ज्वल होगा
इस संगीत टीम"बर्फीला पहाड़ का लांगमा"में एक तिब्बती लड़का और दो तिब्बती लड़कियां हैं । गायक जाशी तुनचू ने कहा कि वे अपने साथियों के साथ रेल गाड़ी के जरिए ल्हासा से पेइचिंग जा रहे थे, उस वक्त वे बहुत खुश थे । रास्ते भर वे लोग खुशी के साथ रेल गाड़ी के अन्य यात्रियों के लिए गीत गाते रहे और नाचते रहे । उन्होंने इस रेल गाड़ी में सवार यात्रियों के साथ एक अविस्मरणीय समय बिताया । तिब्बती गायक जाशी तुनचू ने कहा:
"छिंगहाई-तिब्बत रेल गाड़ी हमारी जन्मभूमि से गुजरती है । रेल गाड़ी के जरिए पेइचिंग आना हमारे लिए खुशी की बात है । इस के लिए हम ने विशेष तौर पर《रेल गाड़ी से पेइचिंग जाते हैं हम》 नामक गीत रचा । इस गीत की एम.टी.वीं की शूटिंग करने के दौरान हम रेल गाड़ी से ल्हासा से पेइचिंग गये । हमें बड़ी खुशी हुई ।"
छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग ने छिंगहाई प्रांत और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को जोड़ा है । इन दोनों क्षेत्रों में ऐतिहासिक-सांस्कृतिक रीति-रिवाज़ और पठारी संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं । यहां के पर्यटन संसाधन विश्व में अतुल्य हैं और ज्यादा से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटकों को आकृष्ट कर रहे हैं । छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने से बर्फीले पठार और बाह्य दुनिया के बीच दूरी बड़ी हद तक कम हुई है । आंकड़ों से पता चला है कि इस रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने के बाद तिब्बत की यात्रा करने वाले पर्यटकों की संख्या में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई । एक साल में छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग ने 20 लाख यात्रियों का सत्कार किया, जिस से छिंगहाई-तिब्बत पठार के विकास के लिए भारी जीवनी शक्ति मिली है।
सुश्री पल्लवी अय्यर चीन स्थित भारतीय समाचार पत्र हिंदू की स्थाई संवाददाता हैं । छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के जरिए तिब्बत जाने का अनुभव उन के दिमाग में ताज़ा है । गत वर्ष की पहली जुलाई को पेइचिंग से ल्हासा तक की प्रथम रेल गाड़ी में सुश्री पल्लवी संवाददाता दल की एक सदस्या के रूप में सवार थीं । इस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा था क्यों कि इस ऐतिहासिक घटना में भाग लेना जीवन भर एक अविस्मरणीय याद के रुप में उन के साथ रहेगा । सुश्री पल्लवी अय्यर ने कहा:
आवाज़---
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