चीन के वार्षिक "दो सत्रों" के दौरान, देश के राजनीतिक कैलेंडर में एक प्रमुख वाक्यांश "नई गुणवत्ता उत्पादक शक्तियां" एनपीसी के प्रतिनिधियों और सीपीपीसीसी के सदस्यों के बीच एक चर्चा के रूप में उभरा है। यह शब्द चीन के आर्थिक उन्नयन के संदर्भ में ध्यान आकर्षित कर रहा है।
चीन के " दो सत्र, " देश की आर्थिक सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2024 के " दो सत्र, " से आने वाले वर्ष में चीन की आर्थिक दिशा में अंतर्दृष्टि प्रदान करने की उम्मीद है। विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकलन से पता चलता है कि चीनी अर्थव्यवस्था ने 2023 के अंतिम महीनों में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया, हालांकि चुनौतियां बनी हुई हैं।
चीन में एनपीसी और सीपीपीसीसी के समापन के बाद एनपीसी के प्रतिनिधि मा येनहो काम पर लौटे और उन्होंने कार्बन डाइऑक्साइड से स्टार्च को संश्लेषित करने की प्रायोगिक परियोजना जारी रखी। यह परियोजना हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को स्टार्च में बदलने के लिए कृत्रिम संश्लेषण का उपयोग करती है। नेटिज़न्स इसे "वायु को उबले हुए बन्स में बदलना" कहते हैं।
चीन स्थित तुर्किये के राजदूत इस्माइल हक मौसा ने हाल में चाइना मीडिया ग्रुप को एक इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन ने अपने विकास तरीके से अर्थव्यवस्था, राजनीति और विज्ञान आदि क्षेत्रों में बड़ी प्रगति की।
ल्यू लेई चीनी अल्पसंख्यक जातियों में से एक हेज़े जाति की हैं। इस जाति की जनसंख्या केवल 5 हज़ार से अधिक है। हेज़े जाति की एक एनपीसी प्रतिनिधि के रूप में ल्यू लेई ने अभी-अभी पेइचिंग में संपन्न दो सत्र में भाग लिया था। चीन के कानूनों और प्रणालियों के अनुसार, 55 अल्पसंख्यक जातियों को, उनकी आबादी के आकार की परवाह किए बिना, एनपीसी के लिए अपने स्वयं के प्रतिनिधि चुनने और चीन के सर्वोच्च प्राधिकरण में अपनी शक्ति का प्रयोग करने का अधिकार है।
चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसे अपनी ज़िम्मेदारी का अच्छी तरह अहसास है। चीन बार-बार इस बारे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होकर काम करने का आह्वान करता रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस चुनौती को समझते हैं। हमने उनकी सैन फ्रांसिस्को यात्रा के दौरान भी इसे देखा, जब उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
पेइचिंग में हाल ही में समाप्त हुए दो सत्र के दौरान चीन के सर्वोच्च नेता शी चिनिफिंग ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस(एनपीसी) के प्रतिनिधियों और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन(सीपीपीसीसी) की राष्ट्रीय समिति के सदस्यों के साथ देश के अहम मुद्दों पर विचार विमर्श किया और विकास का नया चित्र खींचा ।
दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर कार्लोस लोपेज ने 11 मार्च को चीनी अख़बार "चाइना डेली" में एक लेख लिखा, जिसमें बताया गया कि चीन और अफ्रीकी देशों के बीच विश्वास एक मूल्यवान संपत्ति है, और दोनों पक्षों के बीच सहयोग की मजबूती और साझा लाभ के क्षेत्रों में असीमित संभावनाएं मौजूद हैं।
14वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का दूसरा अधिवेशन सुचारू रूप से विभिन्न कार्य पूरा कर 11 मार्च की दोपहर के बाद पेइचिंग जन वृहद भवन में समाप्त हुआ ।शी चिनफिंग समेत चीनी नेतागण इस में उपस्थित हुए ।
चीन में दो सत्रों के आयोजन ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। चीन में इस साल के सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में एनपीसी और सीपीपीसीसी में अहम मुद्दों पर चर्चा की गयी। इनमें चीन के शीर्ष नेताओं के अलावा देश के विभिन्न क्षेत्रों और वर्गों के प्रतिनिधियों ने अपनी राय और सुझाव रखे। इन सम्मेलनों से एक बात स्पष्ट हो गयी है कि चीन वैश्विक मंदी और युद्ध के संकट के बीच एक अग्रणी शक्ति के रूप में आगे बढ़कर काम कर रहा है।