दो सत्रों से दुनिया को चीन की नीतियों की मिलती है जानकारीः प्रो. बी.आर.दीपक

2024-03-07 19:17:46

चीन की राजधानी पेइचिंग में इन दिनों दो सत्र जारी हैं। इन सत्रों में चीन के शीर्ष नेताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों और वर्गों के प्रतिनिधि मौजूद हैं। एनपीसी और सीपीपीसीसी नामक इन सत्रों पर पूरी दुनिया की निगाह लगी हुई है।

इस दौरान चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता अनिल पांडेय ने जेएनयू में चीनी अध्ययन केंद्र में प्रोफेसर बी.आर.दीपक के साथ खास बात की।

प्रो. दीपक कहते हैं कि ये सत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनमें चीन सरकार का पिछले साल का लेखा-जोखा पेश किया जाता है, विभिन्न उपलब्धियों पर चर्चा की जाती है। साथ ही अगले वर्ष के लिए देश की आर्थिक नीति, विदेश नीति और सैन्य नीति तैयार की जाती हैं। इनके माध्यम से दुनिया चीन को समझने की कोशिश करती है कि वह किस दिशा में जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग द्वारा पेश कार्य रिपोर्ट में चीन की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की गयी है। पिछले साल चीन की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत थी, 2024 में 5 फीसदी रहने का अनुमान है। क्योंकि चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी महाशक्ति है। यह आर्थिक वृद्धि संकेत देती है कि चीन का आर्थिक योगदान वैश्विक अर्थव्यवस्था में काफी अहम रहेगा। अगर चीन की अर्थव्यवस्था और इकॉनमिक ग्रोथ में कमी आती है या स्थिति डांवाडोल होती है तो उसका असर दुनिया के तमाम देशों पर पड़ता है। क्योंकि आज के दौर में चीन विश्व के विभिन्न देशों से जुड़ा हुआ है। उसका विश्व के 140 से अधिक देशों के साथ सबसे ज्यादा व्यापार होता है।

ऐसी स्थिति में चीन में क्या हो रहा है, विश्व की आर्थिक स्थिति पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर ध्यान रहता है। खासकर रूस और यूक्रेन में जो रहा है और मध्य एशिया में जो घटनाक्रम जारी है। इसके कारण वैश्विक आर्थिक दर गिर रही है, चीन की दर भी पहले से थोड़ा कम है, पर स्थिर है, यह चीन की आंतरिक व आर्थिक माहौल के बारे में अच्छा संकेत देती है।

इसके साथ ही इस बार की रिपोर्ट में नवीन उत्पादों और तकनीक पर जोर दिया गया है। हमने देखा है कि पिछले कुछ वर्षों में चीनी अर्थव्यवस्था के जो अहम स्तंभ थे, जैसे कि रीयल एस्टेट आदि में कुछ गिरावट आयी है। उसके कारण नई ऊर्जा वाहनों के साथ-साथ लीथियम-आयन बैटरी व फोटोवोल्टिक उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इन तीन नए उत्पादों व क्षेत्रों के निर्यात की स्थिति काफी मजबूत है, जो कि वैश्विक स्तर पर चीन के महत्व को दर्शाता है।  

बकौल प्रो. दीपक चीन उच्च गुणवत्तापूर्ण विकास पर ध्यान दे रहा है। पहले सिर्फ जीडीपी दर में बढ़ोतरी पर चर्चा होती थी, जो कि अब थोड़ा कम हो गयी है। क्योंकि चीन नई नीति के तहत अच्छी क्वालिटी वाले विकास पर फोकस कर रहा है।

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग इनोवेशन (नवाचार) और हरित विकास की बात करते हैं, जो कि अपने आप में महत्वपूर्ण चीज है। उम्मीद है कि इन उच्च गुणवत्ता के उत्पादकों की वृद्धि दर के साथ संतुलन बनाने की कोशिश होगी। यह दुनिया के लिए भी एक अच्छा संदेश होगा कि हरित विकास को लेकर चीन कितना गंभीर है। यह वैश्विक स्तर पर जारी जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में भी सहायक हो सकता है।

(अनिल पांडेय)

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