भारत में प्रोफेसर नवीन लोहनी के साथ इंटरव्यू
चीन में हाल में संपन्न हुए दो सत्रों पर पूरी दुनिया का ध्यान केंद्रित हुआ। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में होने वाली हर गतिविधि पर विभिन्न देशों की नजर बनी रहती है। चीन जिस तरह से विकास कर रहा है, जिस तरह से आधुनिक तकनीक पर जोर दे रहा है, उसकी सराहना हो रही है। इसके साथ ही चीन अपने पड़ोसी देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, के साथ रिश्तों को सुधारने की दिशा में काम कर रहा है।
इस मौके पर सीएमजी संवाददाता अनिल पांडेय ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नवीन लोहनी के साथ इंटरव्यू किया। प्रो. लोहनी चीन में आयोजित हुए दो सत्रों और चीन द्वारा की गयी घोषणाओं से प्रभावित हैं। उनका मानना है कि भारत व चीन पड़ोसी देश हैं और ऐसे में इन देशों में आर्थिक समृद्धि व विकास को लेकर जो कुछ योजनाएं बनती हैं, उनमें हम सभी आशावान होते हैं कि ये दो देश किस तरह से प्रगति कर रहे हैं।
प्रो. लोहनी ने कहा कि विश्व के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी चीन के दो सत्रों के प्रति लोगों में रुचि नजर आयी। चीन लचीलेपन की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में भारत सहित अन्य देशों को चीन संबंधित योजनाओं के प्रति नए तरीके से विचार करना होगा। विशेषकर विकास योजनाओं के दृष्टिकोण से ऐसा हो सकता है। कोरोना महामारी के बाद वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में चीन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन एक बड़ी आर्थिक शक्ति है। पड़ोसी देश होने के नाते, भारत को आज के दौर में एक समानांतर विकास मॉडल की जरूरत है। भारत भी खुद को विकसित करने की कोशिश में लगा हुआ है। साथ ही चीन उत्पादन शक्ति बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण विकास करने के अलावा पारंपरिक उद्योगों पर ध्यान देने की बात कर रहा है। कहा जा सकता है आज के समय की ये जरूरत है।
वहीं, चीनी चीनी शैली के आधुनिकीकरण की भी दुनिया भर में चर्चा हो रही है, जाहिर है कि चीन एक प्राचीन सभ्यता और संस्कृति वाला देश है। चीन के नीति-निर्माता अपने नागरिकों की भलाई के लिए अपने तरह का विकास रास्ता अपना रहे हैं। जिस पर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
(प्रस्तुति:अनिल पांडेय)