चंद्रिमाः वाह, यह एक बहुत अच्छा सपना है, मेरे ख्याल से यह भी हमारे सभी श्रोताओं का सपना होगा। क्योंकि आजकल सभी लोग क्रिसमस की खुशी में हैं, इसलिये आज के कार्यक्रम में हम भी सॉटा क्लॉस की तरह हमारे श्रोताओं को पुरस्कार देते हैं, ठीक है न?पंकज जी।
पंकजः बिल्कुल ठीक है। वर्ष 2012 में हमने कुल दो प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है। एक है तिब्बती बौद्धधर्म के प्रमुख मठ पर, और एक है दर्शनीय हाईनान अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन द्वीप पर। सब से पहले हम तिब्बती ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं के नाम बोलें।
चंद्रिमाः इस प्रतियोगिता के पहले पुरस्कार मिलने वालों की संख्या बीस है, वे क्रमशः हैं:हुगली, पश्चिम बंगाल की सुश्री मनीषा चक्रवर्ती और श्री देबशंकर चक्रवर्ती, पंजाब पाकिस्तान के हाफ़िज़ नईम अहमद, शिवहर बिहार के श्री मुकुंद कुमार, बक्सर बिहार के नीलेश कुमार सिंह, शाहजहांपुर उत्तरप्रदेश के आर. एन. सिंह, बहराइच उत्तर प्रदेश के शब्बन खान गुल, केउरा छत्तीसगढ़ के श्री अरुण कुमार रामटेके, कटनी मध्य प्रदेश के अनिल ताम्रकार, औरैया, उत्तर प्रदेश के कालका प्रसाद कीर्ति प्रिये, रोहतक हरियाणा के श्री नरेश चावला, लखीमपुर, असम की श्रीमती कल्पना घोष, लाहौर पाकिस्तान के आमिर इम्तियाज़, सिंध पाकिस्तान के वकार अहमद, नयी दिल्ली की सरिता कुमारी, केसिंगा उड़ीसा के सुरेश अग्रवाल, लक्ष्मीनगर दिल्ली के अमीर अहमद, बांग्लादेश के एम. एन. सेन्तु, बठिंडा पंजाब की सुश्री विनिया गर्ग, और बिहार के आबिद हसन।
पंकजः अब मैं तिब्बत प्रतियोगिता के दूसरे पुरस्कार के विजेताओं के नाम बोलूं। वे हैः भागलपुर बिहार के डॉ. हेमंत कुमार, नयापाड़ा उड़ीसा के हेम सागर नाएक, रामपुरा फूल पंजाब की सुश्री क्रितिका गोयल, कालाहांडी, उड़ीसा के सुरेश चंद्र नाग, नयी दिल्ली के भूपेन्द्र जुनेजा, कोडरमा, झारखंड की सुश्री अनुभा, शिवहर, बिहार के राजू गुप्ता, वैशाली बिहार के कुमार जय बर्द्धन, बेलगाम कर्नाटक के सलीम अब्बास देसाई, पाकिस्तान के लियाकत अली अवान, मन्दसौर मध्य प्रदेश के श्याम मेहर, मऊनाथ भंजन के जुनैद, कराची पाकिस्तान के अब्दुल लतीफ बलूच, नगर ओराई के गोविंद त्रिपाठी, मुजफ्फरगढ़ पाकिस्तान के मोहम्मद यासिर इश्फाक कुरैशी, मोहल्ला अरईयानपुरा हिरान सियालकोट पाकिस्तान के मलिक उमर फारूक, नयी दिल्ली की सुरभि शर्मा, हिमाचल प्रदेश के अभय कुमार, इलाहाबाद की श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव, हैदराबाद के वी. राजा कुमार, गुजरात के नानजी जनजानी, दिल्ली के शिफ़ान अमीर, गुजरात के ललित रामसिसारिया, मुजफ्फरपुर की शांति गुप्ता, मुंबई की डॉ. ज्योति, पंजाब के इक्कातार सिंह, आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के मोहम्मद अस्लम, नयी दिल्ली के रगीब अली जमाली, पंजाब पाकिस्तान के अब्दुल करीम मलिक, और बिजनौर उत्तर प्रदेश के सुरेन्द्र विश्नोई, कुल तीस श्रोताओं को दूसरा पुरस्कार मिला।