पंकजः राधा रानी जी का एक तीन साल का छोटा सा प्यारा सा बेटा है, जिसका नाम है चिराग खंडेलवाल। चिराग अभी से ही सी.आर.आई. के कार्यक्रमों को बहुत ध्यान से सुनता है। वाह बेटा चिराग, ये तो बहुत अच्छी बात है कि आप इतनी छोटी सी उम्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम और वो भी अपनी ही भाषा में सुन रहे हैं। राधारानी जी अगर आपने अपने पत्र के साथ अपनी और अपने बेटे की तस्वीर भेजी होती, तो हम इस तस्वीर को अपनी पत्रिका श्रोता वाटिका में अवश्य ही जगह देते। आशा करते हैं कि अगली बार आप अपने बेटे की तस्वीर हमें जरूर भेजेंगी।
चंद्रिमाः हमारे अगले श्रोता हैं उमेश रेगमी, मोरांग जिला बिराटनगर नेपाल से। इन्हें हमारी पत्रिका श्रोता वाटिका बहुत अच्छी और ज्ञानवर्धक भी लगी। और ये हमें इसके लिये धन्यवाद देते हैं। साथ ही लिखते हैं कि श्रोता वाटिका में प्रकाशित कार्यक्रम वसंत त्योहार, युएन श्याओ पर्व, तिब्बती नव वर्ष विषय पर दी गई जानकारी इनके लिये काफी लाभदायक रही और इसके बारे में पढ़कर इन्हें बहुत अच्छा लगा। इसके अलावा उमेश जी को हमारा कार्यक्रम आपका पत्र मिला बहुत अच्छा लगता है। क्योंकि इस कार्यक्रम में हम अपने श्रोताओं के पत्र पढ़ते हैं और उनकी बातें बाकी श्रोताओं को सुनाते हैं।
पंकजः उमेश जी आगे लिखते हैं कि चाइना रेडियो इंटरनेशनल की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ के दौरान इन्हें ज्ञान विज्ञान प्रतियोगिता के विजेता भारतीय श्रोता अखिल पाराशर जी की चीन यात्रा का वृतांत भी बहुत अच्छा लगा। और इस लेख द्वारा उमेश जी को चीन के बारे में काफी कुछ जानकारी मिली, साथ ही चीन की कुछ तस्वीरें भी इसमें शामिल थीं, जो इन्हें काफी अच्छी लगीं।
चंद्रिमाः उमेश जी को सी.आर.आई. की ये बातें बहुत अच्छी लगी कि हम लोग अपने श्रोताओं को निःशुल्क चीन का भ्रमण कराते हैं, जो कि एक महत्वपूर्ण और महान कार्य है। इसलिये हर श्रोता की इच्छा होती है कि वो विशेष पुरस्कार का विजेता बनकर निःशुल्क चीन का भ्रमण करे। लेकिन सिर्फ कुछ ही श्रोताओं का ये सपना पूरा होता है, जो कि हमारे बहुत पुराने और सक्रिय श्रोता होते हैं। तो हम उमेश जी से आग्रह करेंगे कि वो भी हमारी प्रतियोगिता में हिस्सा लें और अगर वो इस प्रतियोगिता के विजेता बनते हैं, तो उन्हें भी निःशुल्क चीन भ्रमण का सुअवसर प्राप्त होगा। उमेश जी को हमारे बाकी कार्यक्रमों के अलावा टॉप-5 कार्यक्रम भी बहुत पसंद है।