चंद्रिमाः अच्छा, पंकज जी, अब हम मानसरोवर की यात्रा के बाद हमारे कार्यक्रम में वापस लौटते हैं, और पत्र पढ़ने को जारी रखें। अगला पत्र हमें लिखा है दिल्ली के चांदनी चौक इलाके के हैदर कुली इलाके से राधारानी खंडेलवाल जी ने। राधारानी जी का पत्र थोड़ा पुराना है। हमारे पास ये पत्र देरी से पहुंचा है, लेकिन फिर भी हम इनके पत्र को अपने कार्यक्रम में शामिल कर रहे हैं। राधारानी जी ने ये पत्र शायद रक्षाबंधन के आसपास लिखा है। इन्होंने हमें रक्षाबंधन की शुभकामनाएं भेजी हैं। साथ ही वे लिखती हैं कि आजकल दिल्ली में गर्मी से बुरा हाल है और इस वजह से स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। वाकई राधारानी जी दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत में इन दिनों बहुत तेज़ गर्मी पड़ती है। साथ ही मैं आपको बता दूं कि चीन भी इन दिनों गर्म रहता है। लेकिन यहां पर भारत जितनी गर्मी नहीं पड़ती है और शाम ढलते ही यहां पर ठंडी हवा चलने लगती है और मौसम काफी सुहाना हो जाता है।
पंकजः राधारानी जी आगे लिखती हैं कि इन्होंने रानी रेडियो लिस्नर्स क्लब बनाया है, जिसमें 25 सदस्य हैं और ये खुद इस रेडियो क्लब की अध्यक्ष हैं। इनका कहना है कि छुट्टियों के चलते इनके क्लब के छोटे बच्चे भी हमारा कार्यक्रम बहुत चाव के साथ सुनते हैं। ये आगे लिखती हैं कि बहुत दिन हुए दिल्ली में सी.आर.आई. के हिन्दी कार्यक्रमों को लेकर कोई बैठक या मीटिंग नहीं हुई है। काफी लंबा समय हो गया है और जल्दी ही हिन्दी सेवा की एक बैठक आयोजित करवाई जाए। राधारानी जी, हमने कई बार श्रोताओं को यह बताया कि क्योंकि नयी दिल्ली में स्थित हमारे पुराने संवाददाता हूमिन साहब अपना कार्यकाल समाप्त करके चीन वापस आ गये हैं, और हमारे नये संवाददाता देव अभी भारत जाने की तैयारी में हैं। इसलिये हाल फिलहाल में यह संभव नहीं है कि हम नयी दिल्ली में एक श्रोता सम्मेलन का आयोजन कर सकें। आप लोग धैर्य रखिये, हमें विश्वास है कि जब नये संवाददाता भारत पहुंचेंगे, तो वे ज़रूर श्रोता सम्मेलन के आयोजन में हमारी सहायता करेंगे।
चंद्रिमाः राधारानी जी का कहना है कि दिल्ली में हमारे कार्यक्रम का प्रसारण बहुत साफ आता है। और इन्हें आपकी पसंद कार्यक्रम बहुत अच्छा लगता है। साथ ही ये लिखती हैं कि इस कार्यक्रम की अवधि बहुत कम है उसे बढ़ाया जाए। और ये हमसे शिकायत भी करती हैं कि इन्होंने पहले भी हमसे आग्रह किया था कि इस कार्यक्रम का समय बढ़ाया जाए, लेकिन अभी तक इसका समय नहीं बढ़ाया गया है। राधारानी जी, हम ज़रूर आप की राय हमारे विभाग के नेता तक पहुंचाएंगे। अगर हो सका, तो अगले वर्ष में हम इस कार्यक्रम का समय बढ़ाने की कोशिश करेंगे।