चंद्रिमाः सुरेश जी, आप को हमारे कार्यक्रम पर इतना ध्यान देने और कार्यक्रम के विषय पर अपने विचार प्रकट करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। पंकज जी, आजकल कई श्रोता अपने पत्र में हमें रिसेप्शन रिपोर्ट देने की कोशिश करते हैं, जैसेः प्रियदर्शिनी रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर हेमंत कुमार और इस्लामाबाद, पाकिस्तान के ज़हूर अहमद सोलंगी जी। पर उन्होंने अपनी रिपोर्ट में केवल कार्यक्रम के विषय बताया है, और कार्यक्रम पर अपना कोई विचार हमें नहीं बताया। यहां हम सभी श्रोताओं को यह कहना चाहते हैं कि हमें कार्यक्रम सुनने के बाद श्रोताओं की प्रतिक्रिया चाहिये, और कार्यक्रम का विषय बताने की ज़रूरत नहीं है।
पंकजः जी हां, क्योंकि कार्यक्रम हम बनाते हैं, हम इस के सभी विषय अच्छी तरह से जानते हैं, पर कार्यक्रम सुनने के बाद श्रोताओं का अनुभव और विचार हम नहीं जानते। हम यह जानना चाहते हैं कि हमारे श्रोता किस कार्यक्रम को पसंद करते हैं? और क्यों पसंद करते हैं? और कौन सा विषय सुनने का बड़ा शौक है? इनके अलावा कुछ महत्वपूर्ण और ध्यानाकर्षक विश्व समाचारों पर श्रोता कैसे समझते हैं? इसलिये श्रोता दोस्तों, अगर आप भी रिसेप्शन रिपोर्ट देना चाहते हैं, तो इस के आधार पर रिपोर्ट लिखिये।
चंद्रिमाः अच्छा, समय के अभाव से अब हम आज का अंतिम पत्र पढ़ेंगे। जमशेदपुर झारखंड के एस बी एस वर्ल्ड लिसनर्स क्लब के अध्यक्ष एस.बी.शर्मा जी ने अपने पत्र में श्री विश्वकर्मा पूजा की हार्दिक बधाइयाँ दीं। क्योंकि भारत में श्री विश्वकर्मा को पहला इंजिनियर माना जाता है, और शर्मा जी भी एक इंजिनियर हैं, इसलिये उन्होंने हमें यह बधाइयां दीं। तो यहां हम एस.बी. शर्मा जी तथा हमारे श्रोताओं में सभी इंजिनियरों को भी श्री विश्वकर्मा पूजा की हार्दिक बधाइयां देते हैं।
पंकजः जी हां। इस पत्र में शर्मा जी ने यह लिखा है कि आज देश शिल्प के देवता श्री विश्वकर्मा जी का पूजन कर रहा है। प्रति बर्ष १७ सितम्बर को देश भर में सभी जगहों पर लोग , सभी मोटर मशीनरी, कल कारखाना, उद्योगों में आज इंजीनियरिंग के देवता की पूजा होती है। आज लगभग काम बंद रहता है, लोग अपने घर और कार्यस्थल में भगवन विश्वकर्मा की पूजा अर्चना धूमधाम से करते हैं। शर्मा जी आगे लिखते हैं कि पूजा के साथ मिठाइयाँ भी खूब बंटती है, दुकानों और कारखाने में भोग भी लगता है, लोग आज खूब लुत्फ उठाते हैं। और रात को नाच गाने का की प्रबंध में किया जाता है। कल यानि १८ सितम्बर को भगवन विशकर्मा के प्रतिमा का विसर्जन हो जाता है चुंकी मई भी एक कारखाने में इंजिनियर हूँ। इसलिये मैं भी इस त्यौहार को खूब धूम धाम से मना रहा हूँ। आप भी आपके स्टूडियो में भगवन विश्वकर्मा की पूजा कीजिये और इंजॉय कीजिये। बहुत बहुत धन्यवाद, शर्मा जी, हमें इस त्योहार पर इतनी जानकारियां दीं।
चंद्रिमाः अच्छा, दोस्तो, श्री विश्वकर्मा पूजा की खुशी में आज का कार्यक्रम समाप्त होता है। आप को पसंद है या नहीं हमें पत्र भेजकर ज़रूर बताइये। अब चंद्रिमा व पंकज को आज्ञा दें, नमस्कार।
पंकजः नमस्कार।