चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। बहुत खुशी के साथ आज हम फिर मिलते हैं आप का पत्र मिला कार्यक्रम में। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।
पंकजः और मैं हूं आप का दोस्त, पंकज।
चंद्रिमाः श्रोता दोस्तों, कैसे हैं आप?आशा है सब ठीक होंगे।
पंकजः अच्छा, इस शुभकामना के साथ अब हम आज का कार्यक्रम शुरू करते हैं। पहला पत्र है ढोली सकरा, बिहार के पुराने श्रोता दीपक कुमार दास का है। इस बार दीपक जी ने पहले की तरह बहुत लंबा चौड़ा पत्र हमें लिख भेजा हैं। समय के अभाव के कारण हम इनका पूरा पत्र नहीं पढ़ पाएंगे, लेकिन पत्र की कुछ बातें हम इस कार्यक्रम में ज़रूर शामिल करेंगे।
चंद्रिमाः जी हां। दीपक जी ने चीन के पर्यटक स्थलों की काफी प्रशंसा की है। दीपक जी कहते हैं कि प्राकृतिक छटा में आज चीन का कोई जवाब नहीं है। चीन की प्राकृतिक छटा देखने के लिये ही पूरे विश्व से लोग चीन के भ्रमण को आते हैं। अपने पत्र में दीपक जी ने पांडा के साथ चीन की अति सुंदर पहाड़ियों, झरनों, नदी, घास के हरे भरे मैदानों का जिक्र किया है। दीपक जी हमें ये जानकर बहुत अच्छा लगा कि आपको हमारा चीन का भ्रमण कार्यक्रम काफी अच्छा लगा। हम आपसे आशा करते हैं कि आगे भी हमारे कार्यक्रम आपको लुभाते रहेंगे और इन कार्यक्रमों के माध्यम से आप हमसे जुड़े रहेंगे।
पंकजः चंद्रिमा जी, हमारे अगले श्रोता हैं दिलशाद हुसैन जी। दिलशाद जी पैगाम रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष हैं और इन्होंने हमें पत्र लिखा है ऊंची टकिया पुरा दिवान मुबारकपुर आज़मगढ़ से। इन्हें हमारे सभी कार्यक्रम बहुत अच्छे लगते हैं। इनका कहना है कि सी.आर.आई. के सारे कार्यक्रम बहुत ज्ञानवर्धक होते हैं। इससे श्रोताओं की जानकारी तो बढ़ती ही है, साथ में उनका कार्यक्रम में भाग लेने का हौसला भी बढ़ता है। दिलशाद जी ने सी.आर.आई. के उद्घोषकों की प्रशंसा करने के साथ ही ये भी कहा है कि यहां पर श्रोताओं को बहुत सम्मान दिया जाता है। इसलिये सी.आर.आई. की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
चंद्रिमाः जी हां, अब मैं दिलशाद जी की बात उन्हीं के शब्दों में कहने जा रही हूं। इनका कहना है कि सी.आर.आई. से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की जितनी भी तारीफ की जाए कम ही है, क्योंकि सी.आर.आई. के उद्घोषकों की आवाज़ें ही कुछ ऐसी हैं कि कार्यक्रम में रस घोलकर चार चांद लगा देते हैं। आपकी नई दिल्ली से रिपोर्टों में अन्य स्टेशनों से अलग और नई जानकारी होती है। श्रोताओं का पत्रोतर, गीत संगीत, मुलाकातें और भ्रमण बहुत अच्छे कार्यक्रम हैं।