पंकजः कुमार अनरित भाई, आशा है इस मधुर गीत को सुनकर आप को खुशी हुई होगी, और आप पहले की ही तरह हमारे प्रति अपना प्रेम जारी रख सकेंगे। अच्छा, अब हम पत्र की सिलसिला जारी रखते हैं। शेओहर बिहार के हमारे श्रोता अमित कुमार जी ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि मैं सी.आर.आई. के हिन्दी प्रसारण का नियमित श्रोता हूं। हमें सभी उदघोषक और उदघोषिकाओं की आवाज़ बेहद पसंद है। कृपया हमें श्रोता वाटिका पत्रिका नियमित रूप से भेजेंगे, और भी कुछ सामग्री भेजेंगे, तो हम आप के आभारी होंगे।
चंद्रिमाः अमित भाई, आप के हमारी आवाज़ की तारीफ़ के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। पर भारतीय उदघोषक और उदघोषिका की अपेक्षा हम चीनी लोग इतना शुद्ध हिन्दी नहीं बोल सकते, पर हम ज़रूर अपने सभी प्यारे श्रोताओं के लिये इस दिशा में कोशिश करेंगे। और हमने आप के पते को अपने मेल लिस्ट में शामिल किया है। बाद में आप को नियमित रुप से हमारे द्वारा भेजी सामग्री मिल जाएगी।
पंकजः अगला पत्र गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के बद्री प्रसाद वर्मा अंजान का है। इसमें उन्होंने हमारे कई कार्यक्रमों की चर्चा की है, जैसेः टॉप टेन की चर्चा में उन्होंने यह लिखा है कि दीदी हेमा कृपलानी द्वारा प्रस्तुत प्रोग्राम टॉप टेन इतना बेहतर, रोचक और दिलचस्प लगता है कि इस प्रोग्राम को सुनने से मन नहीं भरता। गीतों को सुनकर मन का बोझ हल्का हो जाता है।
चंद्रिमाः हां जी, चीन का तिब्बत कार्यक्रम की चर्चा में उन्होंने यह लिखा है कि दीदी श्याओ थांग, आपने आज का तिब्बत प्रोग्राम का नाम बदलकर चीन का तिब्बत नाम रख दिया। यह बहुत उपयोगी नाम है। इस से तिब्बत का और ज्यादा मान सम्मान बढ़ेगा। चीन का तिब्बत प्रोग्राम में दी जाने वाली हर जानकारी तिब्बत की उपलब्धि की संपूर्ण जानकारी मुहैया कराता है। इससे हमें तिब्बत को और करीब से जानने का मौका मिलता है।
पंकजः क्योंकि बद्री जी का पत्र बहुत लंबा है, और समय के अभाव में हमने इसे पूरा नहीं पढ़ा। और पत्र के साथ उन्होंने ने एक छोटी सी कविता भी भेजी। बद्री जी, हमने यह कविता श्रोता वाटिका के संपादक को सौंप दी है। आशा है हम जल्द ही श्रोता वाटिका के नये अंक में इसे देख सकेंगे। और यहां हम लंबे समय तक हमारे कार्यक्रम को समर्थन देने के लिये आप को बहुत धन्यवाद देते हैं।