चंद्रिमाः और यहां हम सभी श्रोताओं से यह कहना चाहते हैं कि हालांकि उक्त सवाल का समाधान हम अपनी तरफ़ से नहीं कर सकते, पर हम सही सही पते पर श्रोताओं को पुरस्कार भेजने की कोशिश करते रहेंगे। इसलिये श्रोता दोस्तों, जब आप लोग अपना पता लिखते हैं, तो ज़रूर साफ़ साफ़ लिपि पर अपना पूरा पता लिखिये। अगर इस में कोई गलती हो, तो आप को भी पुरस्कार नहीं मिल पायेगा, ठीक है न ?
पंकजः चंद्रिमा जी, आपने बिल्कुल ठीक कहा। मैंने कई बार देखा है कि कुछ श्रोता अपने पते को बहुत संक्षेप में लिखते हैं, ऐसे पते के अनुसार डाक नहीं पहुंच सका। इसलिये श्रोता दोस्तो, आप ज़रूर इस पर ध्यान दीजिये, और अपना पूरा पता साफ़ साफ़ लिखिये।
चंद्रिमाः क्योंकि कुमार अनरित जी को पुरस्कार न मिलने से बहुत दुख हुआ, तो आज के कार्यक्रम में हम उनकी उदासी को मिटाने के लिये एक मधुर गीत उपहार के रूप में पेश करेंगे। गीत के बोल भी हैं उपहार। इस में गायिका ल्यांग यूंग छी ने यह गाया है कि हर लोग के हाथों में एक उपहार है, वह है अपने प्रेमी को समर्पित करना चाहते हैं। अगर आपने ऐसा कभी नहीं किया, तो आप नहीं जानते कि इस उपहार का मूल्य कितना बड़ा है ? हर परिचित खुशी और दुख अपने मन के गहन अंदर में छिपे गये हैं। चाहे आप राज कुमार या राज कुमारी हो, तो भी प्रेम के पंजे से मुक्त नहीं हो पाये। साहस के साथ अपने प्रेम को जारी रखना यह तो सब से अच्छा उपहार है।