चंद्रिमाः रांची झारखंड के सी.आर.आई. हेमरोम महिला कल्ब की अध्यक्ष सुनीता कुन्डुलना ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि चाइना रेडियो इन्टरनेशनल हिन्दी सेवा के सभी मित्रों को सुनीता कन्डुलना निहाऊ कहती है। मैं और मेरे क्लब के सदस्य आप के सभी कार्यक्रम पहले की भांति सुनते आ रहे हैं। चीन की झलक में उदघोषक के विचार बहुत अच्छे लगे, उन का कहना है कि भारत के लोग इंफ़ोर्मेशन टेकनोलोजी के क्षेत्र में काफ़ी आगे हैं। जब कि चीन के लोग खिलौने बनाने के उद्योग धंधे में आगे हैं। परन्तु भारत के लोग शाकाहारी होने के नाते चीन आना पसंद नहीं करते हैं। यह बात 100 प्रतिशत सही है। हाल ही में चीन सब से आगे सब क्षेत्र में जा रहा है। दोनों देश मित्र होने के साथ साथ प्रतिद्वंदी भी हैं। इस कार्यक्रम ने हमारे मन को स्पर्श किया है।
विकासः सुनीता बहन, हमें बहुत खुशी हुई कि आप हमारे कार्यक्रम के बारे में अपने विचार प्रकट करती हैं। आपने बिल्कुल ठीक कहा कि चीन व भारत की अपनी अपनी श्रेष्ठता है। पर हम कैसे एक दूसरे की श्रेष्ठता से लाभ उठाकर सहयोग करते हैं, यह तो एक ध्यानाकर्षक बात है। मेरे ख्याल से भारत व चीन के बीच प्रतिद्वंदी की ज़रूरत नहीं है, वह केवल दोनों देशों की मित्रता पर कुप्रभाव डालेगा। क्योंकि चीन व भारत की श्रेष्ठता एक ही क्षेत्र में नहीं है, इसलिये प्रतिद्वंदी नहीं होना चाहिये।
चंद्रिमाः विकास जी, मैं भी आप की बातों से बिल्कुल सहमत हूं। और आशा है कि चीन व भारत के संबंध दिन-ब-दिन घनिष्ठ होंगे। अच्छा, इस की चर्चा करते करते आज के कार्यक्रम का समय भी खत्म हो गया।
विकासः पर कोई बात नहीं है, अगले हफ्ते ठीक इसी समय हम सभी श्रोताओं से फिर मिलेंगे। अब विकास व चंद्रिमा को आज्ञा दीजिये। नमस्कार।
चंद्रिमाः नमस्कार।