चंद्रिमाः मधुर गीत के बाद अब हम पत्र पढ़ने का सिलसिला जारी रखते हैं। अगला पत्र बेलदा पश्चिम बंगाल के बेलदा डी.एक्स इंटरनेशनल कल्ब की सदस्य सुश्री सुजाता छात्री का है। इस में उन्होंने यह लिखा है कि मैं चाइना रेडियो इन्टरेशनल की नियमित श्रोता हूं। सी.आर.आई. के द्वारा चीन के बारे में बहुत जानकारियां मिलती हैं। हर दिन मैं सी.आर.आई. हिन्दी सेवा सुनती हूं, और हर रविवार को हमारे कल्ब के सदस्य जमाकर कार्यक्रम की चर्चा करते हैं। जब सी.आर.आई. हिन्दी सेवा सुनती हूं, तो लगता है कि मैं चीन देश में हूं। हमें लगता है कि भारत और चीन, दोनों देशों के बीच मैत्रिपूर्ण संबंध रखने में सी.आर.आई. बहुत ज्यादा भूमिका अदा कर रहा है।
विकासः सुजाता बहन, आप की प्रशंसा के लिये हम बहुत आभारी हैं। आशा है आप लोग हमेशा हमारे समर्थक होंगे। मेरे हाथ में अगला पत्र है कोआथ रोहतास, बिहार के सुनील केशरी द्वारा भेजा गया। इस में उन्होंने लिखा है कि मैं विश्व रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष हूं। प्रसारण 1983 से सुन रहा हूं, 1991 में जब चाइना रेडियो इन्टरनेशनल पहली बार प्रतियोगिता आयोजित की, तब से अब तक 20 बार प्रतियोगिता का इनाम जीत चुका, जिस में 11 प्रथम, 8 दूसरा और 1 तीसरा पुरस्कार मिले हैं। वाह, सुनील केशरी जी, आप सचमुच बहुत सौभाग्यशाली हैं, इतनी बार पुरस्कार मिला है आपको।
चंद्रिमाः और आशा है कि हमारे सभी श्रोता सुनील जी की तरह सक्रिय रूप से सी.आर.आई. द्वारा आयोजित गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। शायद किसी दिन आपको भी यह सौभाग्य मिलेगा और आप को भी चीन की यात्रा करने का विशेष पुरस्कार मिल सकेगा।