चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। रेडियो के पास बैठे हुए सभी श्रोता दोस्तो, आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुनने का हार्दिक स्वागत। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।
विकासः और मैं हूं आप का दोस्त, विकास। हमारा प्यार भरा नमस्कार।
चंद्रिमाः आज के कार्यक्रम की शुरूआत हम एक कविता से करते हैं जो कि हमारे श्रोता शेखपुरा बिहार के कृष्ण मुरारी सिंह के पत्र में है। हालांकि यह कविता राष्ट्रमंडल खेल के बारे में है और इस खेल को हुए एक साल से भी ज्यादा हो चुका है। लेकिन यह कविता बहुत रोचक है, कविता का नाम है राष्ट्रमंडल खेल। अब मेरे साथी विकास जी उन में से कुछ पंक्तियां चुनकर पढ़ेंगे।
विकासः राष्ट्रमंडल खेल का रंगारंग आयोजन, वैश्वीकरण में खेल का मैत्रीपूर्ण आयोजन, देश-देश के खेल प्रेमियों का आगमन, धमाकेदार राष्ट्रमंडल खेल का संचालन, अनेकानेक प्रकार के खेल होंगे, सभी स्टेडियमों में खिलाड़ी के मेल होंगे, दर्शकों के बीच सभी खेल होंगे, जीत हार के बाद भी सभी गीत होंगे, खेल भावना से वसुधैव कुटुम्बकम, पधारे सभी मेहमानों का वेलकम, शांति मैत्री और सहयोग सुन्दरतम, खेल इतिहास में होगा सर्वोत्तम। हर बार मुरारी जी ने अपनी कविता के द्वारा हमें कुछ नया संदेश देने की कोशिश की है। इस के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
चंद्रिमाः मुरारी जी के बाद अब हम और एक श्रोता पश्चिम बंगाल के ऑल इंडिया सी.आर.आई. लिस्नर्स असोसिएशन के अध्यक्ष बिधान चंद्र सान्याल का परिचय देंगे। क्योंकि इस बार उन्होंने हमें एक कवि जैसा पत्र भेजा है। इस में यह लिखा गया है कि जब से आप की हमारी यारी हो गयी, हमारी दुनिया और भी प्यारी हो गयी। पहले तो किसी चीज़ की आदत नहीं थी, लेकिन अब आप को याद करने की बिमारी हो गयी। चांद की चांदनी शायद कम पड़ जाए, फूलों की खुशबू शायद फीकी पड़ जाये। लेकिन सी.आर.आई. से हमारी दोस्ती हमेशा महकती रहेगी, शायद जिन्दगी के लम्हें कम पड़ जाये। यह पढ़कर सी.आर.आई. के प्रति बिधान चंद्र जी का गहरा प्रेम हम आसानी से महसूस कर सकते हैं। बिधान चंद्र जी को भी हम बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं।
विकासः अगला पत्र रोहतास, बिहार के अब्दुल मौहिब खान सूरी द्वारा लिखा गया है। इस में उन्होंने एक फ़ोटो भेजने के साथ साथ यह अनुरोध भी किया कि यह फ़ोटो जीशान रेडियो कल्ब के श्रोता शाहिद रहमान का है, जो सी.आर.आई. के नन्हे श्रोता है। इन की तमन्ना है कि इन का फोटो श्रोता वाटिका में छपे। अब्दुल मौहिब खान भाई आप की सदिच्छा हम ज़रूर पूरी होगी। और हमने यह फोटो श्रोता वाटिका के संपादक को सौंप भी दिया है। आशा है श्रोता वाटिका के अगले अंक में आप यह फोटो जरूर देख सकेंगे।
चंद्रिमाः अब बारी है ढ़ोली सकरा, बिहार के हमारे पुराने श्रोता दीपक कुमार दास की। हर बार उन्होंने ध्यान से हर कार्यक्रम की चर्चा करके हमें एक लंबा पत्र भेजते हैं। इस का बहुत बहुत धन्यवाद। लेकिन समय के अभाव से हम केवल उन में से कुछ विषय को चुनकर पढ़ेंगे। इस बार उन्होंने लिखा है कि 29 सितंबर 2011 के चीन का झलक कार्यक्रम के अतर्गत चीन के उत्तर-दक्षिण में कृषि उत्पादन के विकास पर राकेश जी द्वारा आलेख और हेमा जी की प्रस्तुती काफ़ी दिलचस्प एवं सार्थक था। इधर के वर्षों में चीन के उत्तर-दक्षिण क्षेत्र में कृषि फसल की भाड़ी पैदावार हुआ है। और केंद्रीय सरकार ने चीनी किसानों को भर-पूर सहायता दिया है।
विकासः वास्तव में हर देश की सरकार को किसानों को सहायता देना चाहिए। क्योंकि अनाज समस्या विश्व में एक बड़ी समस्या है। अगर किसानों को कृषि करने से काफ़ी लाभ नहीं मिल सकता, तो वे कृषि नहीं करेंगे और अन्य काम चुनेंगे। जिससे अनाज की समस्या और गंभीर होगी। इसलिये हर सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए, और किसानों को ज्यादा से ज्यादा कल्याण देना चाहिए।
चंद्रिमाः कोआथ रोहतास के जुगनू रेडियो लिस्नर्स कल्ब की उपाध्यक्ष सालमा प्रवीन ने हमें भेजे पत्र में यह लिखा है कि मैं 1989 से ही सी.आर.आई. हिन्दी विभाग की श्रोता हूं, और मुझे अनेक बार पुरुस्कृत किया गया है। मेरे कल्ब के अध्यक्ष मोहम्मद अली बदर जी तो तीनों बार दिल्ली जा चुके हैं, सी.आर.आई. के संवाददाता कार्यालय में। और वहां उन को पुरुस्कृत किया गया है।
विकासः उन्होंने यह भी लिखा है कि हमारे कल्ब, जुगनू रेडियो लिस्नर्स कल्ब का दूर दूर तक प्रचार हो चुका है। और लोग जान चुके हैं कि मोहम्मद अली बदर द्वारा एक कल्ब का निर्माण होकर बहुत अच्छे तरीके से कल्ब चल रहा है। कल्ब के सदस्य भी सी.आर.आई. हिन्दी विभाग के कार्यक्रमों में भाग लेते रहे हैं। यह सुनकर हमें बहुत खुशी हुई, और आशा है कि आप लोगों का कल्ब दिन-ब-दिन बड़ा होगा, और सी.आर.आई. के प्रचार-प्रसार के लिये ज्यादा से ज्यादा रंगारंग गतिविधियों का आयोजन किया जा सकेगा।