विकासः वाह, हेमा जी की प्रशंसा वाले पत्र सचमुच बहुत हैं, अगर हम उन्हें पढ़ना जारी रखें, तो सारे कार्यक्रम का समय इस में खत्म हो जाएगा। अन्य पत्रों को कुछ स्थान देने के लिये अब हम यह सिलसिला यहीं रोकते हैं।
चंद्रिमाः इस के साथ हम भी हेमा कृपलानी जी से विदा लेते हैं। और नमस्कार कहने से पहले हेमा जी, आप हमारे श्रोताओं को क्या दिल की बातें करना चाहती हैं, या उपहार के रूप में किसी गीत को प्रसारित करना चाहती हैं?
हेमाः सुकुड़ा, ओड़िसा के हमारे श्रोता राजिन्द्र बरिहा को न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम पसंद आया और विशेषकर मातृदिवस पर आधारित कार्यक्रम उनके दिल को छुआ। इसके लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद। माँ शब्द में अनोखी ताकत होती है। माँ के बलिदानों की कोई कीमत नहीं चुका सकता और कितने अच्छे मौके पर आपका यह पत्र हमें मिला है क्योंकि 13 मई को मदरस डे है और दिल से कही बात दिल को ज़रूर लगती है। तो आपके साथ-साथ मैं भी इस कार्यक्रम के जरिए हर माँ को सलाम करती हूँ और सभी मदरस को हैप्पी मदरस डे विश करती हूँ। ओड़िसा के चीन मैत्री कल्ब के अध्यक्ष हेम सागर नायक का भी धन्यवाद कि उन्हें आनंद कुमार जी से हमारी मुलाकात पसंद आई। दोस्तों, मेरा मानना है कि तारीफें हौसला बढ़ा देती हैं। तो हमारा हौसला बढ़ाने के लिए आप सब का तहे दिल से बहुत थैंक यूँ और मुझे आज आप दोनों ने अपने कार्यक्रम में शामिल किया उसके लिए आपका भी थैंक यूँ। तो लिजिए दोस्तों, आप सब के लिए यह गीत। उम्मीद करती हूँ आपको अच्छा लगेगा। बाय-बाय।