चंद्रिमाः अब बारी है भावनगर, गुजरात के मकवाना विशाल कुमार धीरुभाई की। पत्र में उन्होंने लिखा है कि हिन्दी सेवा के सभी कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। उन में चीन के बारे में बहुत ही जानकारी व ज्ञान प्राप्त होता है। सी.आर.आई. के न्यूज़, श्रोता वाटिका पुस्तिका, ज्ञानप्रतियोगिता और उस के पुरस्कार से मुझे चीन व उस की संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिलता है।
विकासः साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि भारत में 7 अगस्त को फ़्रेंडशिप डे मनाया गया। मैं सभी श्रोताओं, चाइना रेडियो इन्टरनेशनल की टीम और सभी चीनी जनता को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। चाइना और भारत की दोस्ती हमेशा आगे बढ़ती रही। सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पुराने इतिहास से कई सदियों पुरानी चीन-भारत की दोस्ती आगे बढ़े, मैं यही कामना करता हूं।
चंद्रिमाः बहुत बहुत धन्यवाद, मकवाना विशाल कुमार जी। हालांकि चीन में फ़्रेंडशिप डे नहीं मनाया जाता है, पर हम भी चीनी जनता की ओर से बहुत खुशी के साथ आप की शुभकामनाएं स्वीकार करते हैं। और हम भी आशा करते हैं कि चीन व भारत की दोस्ती दिन-ब-दिन घनिष्ठ व गहन होगी।
विकासः औरेया, उत्तर प्रदेश के माओ त्से तुङ रेडियो लिस्नर्स अस्सोसिएशन के अध्यक्ष कालका प्रसाद किर्ती प्रिय और कोआथ, रोहतास, बिहार के कोटनिश रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष आशिष केशरी दोनों ने हमें भेजे पत्र में सी.आर.आई. की 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित ज्ञान प्रतियोगिता की चर्चा की। उन के पत्रों का मुख्य विषय यह है कि यह प्रतियोगिता बहुत अच्छा है, उन्होंने व उन के कल्ब के सभी सदस्यों ने सक्रिय रूप से इस में भाग लिया। और आशा है कि कुछ न कुछ इनाम मिल सकेंगे।
चंद्रिमाः ऐसा लगता है यह पत्र ज़रा देर से हमारे पास पहुंचे। क्योंकि वह प्रतियोगिता गत वर्ष समाप्त हो चुकी है, और सभी विजेताओं को भी पुरस्कार भेजा जा चुका है। यहां मैं सभी श्रोताओं को यह कहना चाहती हूं कि चाहे आप को पुरस्कार मिले या न मिले। यह सब से महत्वपूर्ण बात नहीं है। मज़ा तो प्रतियोगिता में भाग लेने में है। अगर आप को कोई पुरस्कार नहीं मिला, तो कोई बात नहीं है, कम से कम आप इस प्रतियोगिता से कुछ ज्ञान तो प्राप्त कर सकते हैं। शायद कोई न कोई दिन यह ज्ञान आप के लिये एक बहुत महत्वपूर्ण व उपयोगी बात बन सकेगा।