दिन ढलने लगा, दादी पादमा यांगजेन ने हमें अपने मकान में बुलाया। वे अपने पति के साथ सौ वर्गमीटर से ज्यादा क्षेत्रफल वाले मकान में रहती हैं, तिब्बती वास्तु शैली से निर्मित मकान में सोफा , टी वी सेट और अन्य प्रकार वाले घरेलू विद्युत उपकरण रखे हुए हैं। दादी पादमा यांगजेन ने कहा कि यह मकान स्थानीय सरकार की सहायता से तैयार हुआ है। उनका कहना है:
" नया घर बहुत बड़ा व रोशनीदार है। रहने की स्थिति में सुधार को छोड़कर हमारे जीवन में जमीन आसमान का अंतर आया है, अब हमारा जीवन बहुत सुखमय है।"
खेती का काम न करने के वक्त दादी मां घर में कपड़े धोती हैं और खाना पकाती हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसियों ने कपड़े धोने के लिए वॉशिंग मशीन खरीदी है, लेकिन उनके पास वॉशिंग मशीन नहीं है। क्योंकि उन्हें हाथों से कपड़े धोने को आदत है। कई साल पहले घर में पीने के पानी की लाईन लगी।
दादी मां के अनुसार पेयजल पाइप लाईन का निर्माण चीन के भीतरी इलाके के आनह्वेइ प्रांत की सहायता वाली परियोजना से हुआ है। पहले घर में पानी की लाईन नहीं थी, गांव वासी दूर नदी के तट पर जाकर पानी लाते थे।
पारिवारिक काम करने के अलावा दादी मां पादमा का खाली वक्त बहुत रंगबिरंगा है। टीवी प्रोग्राम देखना उनमें से एक है। उन्होंने कहा कि उन्हें समाचार देखना बहुत पसंद है, क्योंकि जिनसे बाहरी दुनिया को समझ सकती है। दादी मां ने बताया:
"आम समय में मैं टीवी पर समाचार देखना पसंद करती हूँ। क्योंकि इससे मुझे मालूम होता है कि हर जगह पर क्या घटना घटित हो रही है, देश और हमारे तिब्बतमें क्या नई नीति बनाई जा रही है। यह सब समाचारों से पता चल जाता है।"
टीवी प्रोग्राम देखने से उन्हें तिब्बत के बाहर की कई बातें पता चली। वे अपने घर के बाहर कई दूसरे स्थलों का दौरा भी कर चुकी हैं और दूर स्थित पवित्र मठ जाकर पूजा भी।