मनपा जाति चीन की सबसे कम जनसंख्या वाली जाति है, वह मुख्यतः तिब्बत की चोना व मोथो इन दोनों काउंटियों में बसी हुई है। चोना काउंटी के मामांग टाउनशिप की कुल डेढ़ सौ से ज्यादा आबादी में मनपा जातीय लोगों की संख्या सौ से अधिक है, बाकी सब तिब्बती जाति के हैं। ये दोनों जातियां लम्बे अर्से से मेलमिलाप के साथ रहती हैं, आपस में शादी करती हैं और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाये हुए हैं।
लंबे समय से साथ-साथ रहने और एक दूसरे पर प्रभाव डालने की वजह से मनपा व तिब्बती इन दोनों जातियों के रहन सहन और धार्मिक विश्वास काफी मिलते जुलते हैं। ऐसे माहौल में दादी पादमा अपने पति के साथ अच्छे ढंग से रहती आयी हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि मनपा जाति व तिब्बती जाति की खाने की आदतों में थोड़ा अंतर होता है, पर यह इस दंपति के विवाहित जीवन पर फिर भी कोई असर नहीं पड़ा। इसकी चर्चा में दादी मां ने कहा:
"तिब्बती लोग जौ के आटे के बनाए चानबा खाते हैं और जौ का मदिरा पीते हैं, जबकि मनपा लोग तिब्बती शराब पीते हैं। बाकी आदतें जैसा कि धार्मिक विश्वास, पूजा करना और सूत्र चक्कर लगाना आदि समान हैं। आम तौर पर खान पान के क्षेत्र में जो शराब पति को पसंद है, उसे मैं भी पसंद करती हूँ। हमारी तिब्बती जाति को जौ से बनाई मदिरा पीना पसंद है, मेरे पति भी इसे पसंद करते हैं।"
बेशक, अधिकतर परिवारों की ही तरह दादी मां और उनके पति के बीच कभी कभार किसी बात को लेकर नाराजगी जरूर होती है, ऐसी हालत में पति अकसर सबसे पहले अपनी गलती को मानकर रियायत देते हैं, फिर दादी मां उन्हें माफ करती हैं, इस तरह जल्द ही मामला सुलझ जाता है और सामंजस्यपूर्ण पारिवारिक संबंध प्रभावित नहीं होते। दादी मां के पति पादमा ड्रादुल ने कहा
"हमें शादी किए हुए 40 से अधिक साल हो गये हैं, हम कभी कभार किसी मामूली सी बात को लेकर नाराज हो जाते हैं। आम तौर पर मैं पहले अपनी गलती को स्वीकार कर लेता हूं और उन्हें मनाने के लिए कुछ पसंदीदा स्वादिष्ट चीजें भी खिलाता हूं, इस तरह नाराजगी धीरे-धीरे दूर हो जाती है।"