तिब्बती महिला मोबाइल फोन का प्रयोग करते हुए
तिब्बती किसान मोबाइल फोन का प्रयोग करते हुए
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2004 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में हर कांउटी में केबल और हर जिले में टेलिफ़ोन की सेवा उपलब्ध कराई गई है। वर्ष 2007 में हर जिले में फ़ैक्स सेवा साकार हो गई है और वर्ष 2011 में हर गांव में टेलिफोन और हर जिले में ब्रॉडबैंड की सेवा को बखूबी अंजाम दिया गया है। इस समय तक तिब्बत के सभी शहरों, कांउटियों, जिलों, महत्वपूर्ण राजमार्गों और पर्यटन क्षेत्रों में बुनियादी तौर पर सूचना और दूरसंचार जाल बन चुका है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के दूरसंचार प्रबंधन ब्यूरो के उप-प्रधान निमा डोर्ची ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में प्रति सौ तिब्बती लोगों के पास 89 टेलिफोन हैं। उनका कहना है:
"पिछले वर्ष के अंत तक तिब्बत में 27 लाख 60 हज़ार उपभोक्ताओं में 4 लाख 5 हज़ार 2 सौ लोग लैंडलाइन टेलीफोन का प्रयोग करते थे, जबकि 23 लाख 54 हज़ार 9 सौ उपभोक्ता मोबाइल का इस्तेमाल करते थे। वहीं इन्टरनेट का प्रयोग करने वालों की संख्या 14 लाख 67 हज़ार 4 सौ है, जिनमें 1 लाख 70 हज़ार ब्रॉडबैंड सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।"
वर्तमान में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की कुल जनसंख्या 30 लाख से अधिक है, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक लोग टेलीफोन का इस्तेमाल करते हैं, पचास फीसदी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत आसानी के साथ करते हैं। इंटरनेट सेवाओं से और संपूर्ण दूर संचार व्यवस्था के कारण भीतरी क्षेत्रों और पठारों पर रहने वाले तिब्बती लोगों को अकेलापन महसूस नहीं होता। इन्टरनेट की सेवाओं से जुड़ने के कारण पठारीय लोग देश के दूसरे क्षेत्रों से और यहां तक कि विश्व के विभिन्न देशों के लोगों के साथ जुड़ गए हैं और समान रूप से प्रगति कर रहे हैं।