अब आप सुन रहे हैं थूतङ डोर्चे द्वारा गाया गया दक्षिण कोरियाई गीत। लम्बे रास्ते में गुरु और शिष्य एक दूसरे का समर्थन करते हैं और सहायता भी देते हैं। थूतङ डोर्चे ने कहा कि उसमें और गुरू जैसे शुद्ध तिब्बती चालक टीम की विशेषता होती है। उसने कहा:
"मैं उनकी सहायता से अथक कोशिश कर रहा हूँ। हमारी तिब्बती चालक टीम बहुत अच्छी है और ये सुविधापूर्ण लगती है। अगर दूसरे चीनी चालक के साथ टीम बनाई जाए, तो चीनी भाषा से विचारों के आदान प्रदान में कभी कभार एक दूसरे की समझ नहीं पाते। लेकिन हम जैसे तिब्बती चालक टीम में गुरु लाकाओ और मैं तिब्बती भाषा से बातचीत करते हैं, हम एक दूसरे को समझते हैं। अगर कोई घटना पैदा हुई, तो हम आसानी से इसका निपटारा कर सकते हैं।"
अब थूतङ डोर्चे मेहनत से काम कर रहा है। उसने कहा कि शीघ्र ही एक सच्चे मायने में रेलगाड़ी चालक बनने और रेलगाड़ी चलाकर ल्हासा वापस लौटने के स्वप्न को साकार करने के लिए वह अथक प्रयास करता रहेगा। उसने कहा:
"मेरी आशा है कि शीघ्र ही चालक परीक्षा पास करके प्रमाण-पत्र हासिल करूंगा। इस तरह मैं रेलगाड़ी चलाकर ल्हासा वापस लौट सकूंगा। अपने जन्मस्थान में रेलगाड़ी चालना मुझे बहुत अच्छा लगता है।"
अच्छा मित्रों, तिब्बती गीत"स्वर्ग मार्ग"की मधुर धुन के साथ हमारा आज का चीन का तिब्बत कार्यक्रम यही समाप्त होता है। आज आपने छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग के रेल-गाड़ी चालक लाकाओ छाईरांग और थूतङ डोर्चे की कहानी सुनी। अगर आपको अवसर मिलेगा, तो विश्व में सबसे ऊंचे स्थल से गुज़रने वाले पठारीय रेलमार्ग की यात्रा करेंगे। आपको जरूर अलग और विशेष अनुभाव होगा।