स्वादिष्ट तिब्बती पक्वान
दातुन दावत में तिब्बती लोग आनंद उठाते हुए
आज, च्यानचा वासी अपना परम्परागत"पंचरंग धनुष"संस्कृति को विरासत में लेते हुए उसका विकास और विस्तार कर रहे हैं। वर्ष 2006 में च्यानचा कांउटी ने छिंगहाई प्रांतीय"पंचरंग धनुष कप"नाम की जातीय परम्परागत धनुष प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया। वर्ष 2007 में चीनी राष्ट्रीय खेल महाब्यूरो ने च्यानचा कांउटी को"चीनी जातीय धनुष खेल का जन्मस्थान"की उपाधि से सम्मानिक किया। वर्ष 2010 में इसी कांउटी में पहला"पंचरंग धनुष कप"अंतरराष्ट्रीय जातीय परम्परागत धनुष प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें देश के 15 और विदेश के 8 प्रतिनिधि मंडलों ने भाग लिया था। वर्ष 2012 के सितम्बर में दूसरे "पंचरंग धनुष कप"अंतरराष्ट्रीय जातीय परम्परागत धनुष प्रतियोगिता और दातुन सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किया गया था, जिसमें अमेरिका, ब्राजील, तुर्की, पोलैंड, हंगरी, मलेशिया और दक्षिण कोरिया समेत करीब 11 देशों के प्रतिनिधि मंडल और देश के भीतर विभिन्न प्रातों और शहरों से आए 35 प्रतिनिधि मंडलों ने हिस्सा लिया। तुर्की की खिलाड़ी इरेन अदिन ने कहा कि छिंगहाई तिब्बत पठार पर स्थित च्यानचा कांउटी आने के बाद धनुष प्रतियोगिता में भाग लेकर उसका स्वप्न साकार हो गया, साथ ही उसने बहुत नज़दीक से तिब्बती जनता से संपर्क करके तिब्बती संस्कृति की अधिक जानकारी हासिल की। तुर्की की लड़की इरेन अदिन ने कहा:
"यहां आने के बाद स्थानीय लोगों और दूसरे स्थलों से आए व्यक्तियों के साथ अपनी-अपनी संस्कृति का आदान प्रदान करने के प्रति हमें बहुत खुशी हुई। तुर्की में रहते हुए हम सिर्फ़ अपने देश और अपनी संस्कृति को ही श्रेष्ठ समझते हैं। लेकिन यहां आकर हम चीन को अच्छी तरह से समझ सकेंगे और तिब्बती जाति की संस्कृति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह बहुत मुल्यवान अवसर है और अविस्मणरीय अनुभव भी। तिब्बती लोग बहुत उत्साही और अतिथि का सत्कार करने वाले होते हैं। हम चीन और तिब्बती जनता को पसंद करते हैं।"
तिब्बती बौद्ध धर्म की प्राचीन संस्कृति, रहस्मय लामा मठ, रंबगिरंगी धनुष संस्कृति, शानदार दातुन उत्सव, स्वादिष्ट तिब्बती पकवान, उत्साही तिब्बती जनता और मन को प्रसन्न करने वाले नाचगान......ये सब देशी विदेशी व्यक्तियों को आकर्षित करते हैं। च्यानचा कांउटी धनुष के माध्यम से विश्व को अपनी विशेष सुन्दरता दिखा रही है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की च्यानचा कांउटी समिति के अध्यक्ष लीन ह्वातान ने हमारे संवाददाता के साथ हुए एक साक्षात्कार में कहा कि चीन में जातीय धनुष खेल के जन्मस्थान के रूप में च्यानचा कांउटी धनुष के माध्यम से दूसरे स्थलों के लोगों के साथ मित्रता करेगी और"पंचरंग धनुष"को विश्व के विभिन्न देशों और विभिन्न जातियों की संस्कृतियों को जोड़ने और आदान-प्रदान करने वाला मंच बनाएगी। ताकि स्थानीय आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को सुदृढ़ किया जा सके। लीन ह्वातान ने कहा:
"हम संस्कृति और पर्यटन को जोड़कर धार्मिक संस्कृति, जातीय रीति रिवाज़ और लोक खेल संस्कृति की खुदाई करेंगे। इन संस्कृतियों को विरासत में लेते हुए उसका तेज़ गति से विकास और विस्तार करेंगे। इसके साथ ही हम इन संस्कृतियों के आधार पर पर्यटन को मज़बूत करेंगे, ताकि कांउटी के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।"