चीनी लोगों की नज़र में स्वर्ग मंदिर
स्वर्ग मंदिर सम्राटों द्वारा स्वर्ग की पूजा करने का स्थल था। लेकिन स्वर्ग मंदिर में न केवल ईश्वर के प्रति सम्राटों की सम्मान-भावना व कृतज्ञता प्रकट होती थी, बल्कि आम चीनी लोगों में ईश्वर के प्रति भक्ति की भावना भी जाहिर होती थी।
ऊपर हम ने बताया था कि स्वर्ग मंदिर की डिजाइन व वास्तु संरचना के रूप में स्वर्ग का सर्वोच्च स्थान प्रतिबिंबित किया जाता है और अंक"नौ"के प्रयोग से स्वर्ग की प्रतिष्ठा पर जोर दिया जाता है। उपरोक्त दो पहलुओं के अलावा स्वर्ग मंदिर में रंग के संयोजन से भी चीनी लोगों का एक सपना भी प्रकट किया जाता है, यानिकी मानव प्रकृति की गोद में सुखद जी सकता हो और सामंजस्य रूप से पलते बढ़ते हो।
आसमान का रंग नीला है, सो नीला रंग स्वर्ग मंदिर का प्रमुख रंग हुआ है। वह शांति, गांभीर्य व रहस्य का पर्याय है। हालांकि वह ठोस रूप में नहीं आता है, फिर भी इस का असीम सौंदर्य है। ईश्वर मनुष्य व दुनिया के सभी जीवों को जीवन देता है और पृथ्वी पर सभी चीज़ें ईश्वर के पवित्र आलोक में नहाती हैं। फ़सल प्रार्थना भवन और शाही आकाश भवन की छतों पर गहरे नीले रंग की ग्लेज्ड खपरैलें ढ़की हुई हैं और चारों ओर की दीवारों पर भी नीले रंग की ग्लेज्ड ईंटें लगाई गई हैं। स्वर्ग मंदिर में प्रवेश करने के बाद लोग मानों एक नीली दुनिया में कदम रखे हों। नीला आसमान स्वर्ग मंदिर की पृष्ठभूमि है। स्वर्ग मंदिर की सभी डिज़ाइन इस माहौल के अनुरूप की गयी थी। विशाल नीले आसमान तले नीले भवन दिखाई देते हैं। इस से ईश्वर व मानव जाति के बीच सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व कायम करने केलिए स्वर्ग मंदिर के डिज़ाइनरों की अभिलाषा प्रकट होती है और यह है चीनी लोगों के मन में सब से बड़ा सपना भी।