ईली नदी के तट पर
2015-06-01 09:33:55 cri
कजाख जाति के लोग
कजाख जाति के लोगों में यह लोककथा प्रचलित है कि प्राचीन काल में थ्येनशान पर्वतमाला की बरफ से ढकी चोटियों के नीचे घने जंगल व छोटी-छोटी लहरें उठती हुई झील के किनारे एक हंसनी ने स्वर्ग से उतरकर एक रूपवती युवती का रूप घारण किया। एक रूपवान योद्धा उससे प्रेम करता था। वह सरपट भागते घोड़े पर से तीर चलाकर बादल के पीछे छिपे जंगली बत्तख को मार सकता था। उसके गाने ने युवती के हृद्य को छू लिया और दोनों ने शादी कर ली। ये प्रथम कजाख पति-पत्नी थे। लोककथा से कजाखों के घुमन्तू जीवन का पता चलता है। लम्बे अरसे तक ऊसुन, तुर्क, खितान और बाद में मंगोल जातियों के लोगों के सम्मिश्रण के द्वारा कजाख जाति बनी।