ईली नदी के तट पर
2015-06-01 09:33:55 cri
थाडं राजवंश(618-907 ई.) के महान कवि ली पेइ ने, जिनका जन्म मध्य एशिया के स्वेये(वर्तमान सोवियत संघ के तोकमाक नामक स्थान के आसपास) में हुआ था, स्वर्ग के घोड़े की प्रशंसा में एक गीत लिखाः "यह छलांग लगाकर खुनलुन पर्वत को पार करता है और पश्चिमी प्रदेश का चप्पा-चप्पा नापता है। उसके पांव लड़खड़ाते नहीं हैं। वह उत्तरी हपे प्रान्त से भोर में विद्युत गति से रवाना होता है और गोधूली वेला तक याडंत्सी नदी के निचले भाग में पहुंच जाता है।"