य्वान श्याओ उत्सव की प्रथा
लालटेन पर अंकित पहेली सुलझाना
लालटेन पर अंकित पहेली हल करने का दूसरा नाम है"ता तंग मी", जो चीनी विशेषता वाली एक लोकप्रिय मनोरंजन गतिविधि है। वह प्राचीन काल से ही प्रचलित आयी है। चीनी चंद्रवर्ष के पंचांग के अनुसार साल के पहले माह की 15वीं तारीख को घर घर में रंगीन लालटेन लगाये जाते हैं और आतिशबाजी छोड़े जाते हैं। बाद में कुछ लोगों ने पहेलियों को काग़ज़ पर लिखकर रंगीन लालटेनों पर चिपकाया। चूंकि पहेली हलने से लोगों की बुद्धिमता की आजमाई होती है और त्योहार के माहौल से भी मेल लगता है, इसलिए लोगों में पहेली सुलझाने की होड़ लगती थी। धीरे धीरे पहेली हलने का खेल य्वान श्याओ उत्सव का एक अनिवार्य प्रोग्राम बन गया।
लालटेन पहेली को हल करना य्वान श्याओ उत्सव में एक परम्परागत गतिविधि है, जो सब से पहले वसंत - शरत काल एवं युद्धरत राज्य काल में प्रचलित पहेली हलने की प्रथा से विकसित हुई थी। लालटेन पंक्तिबद्ध टांगे जाते हैं, जिन पर पहेलियां लिखी जाती हैं। लोग लालटेन देखने के साथ साथ पहेलियों को भी सुलझाने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए इस क्री़ड़ा को लालटेन पहेली का नाम भी दिया गया। य्वान श्याओ उत्सव के दिन जगह जगह लालटेन पहेली हल करने की गतिविधियां चलती हैं। लोग आशा करते हैं कि पूरा वर्ष खुश व शांत होगा। चूंकि पहेली हलने से लोगों की बुद्धिमता बढ़ाने के अलावा बड़ा मज़ा भी मिल सकता है, इसलिए इसका समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा बड़ा स्वागत किया जाता है।