सम्राट हान वू ती ने काग़ज़ को लिया और पढ़ा,"छांग आन शहर पर आपदा होने वाला है। आग सम्राट के महल में लगेगी। 15वीं तारीख को अग्नि से पूरी रात आसमान लाल लाल हो जाएगा।"यह पढ़कर सम्राट बहुत डर गए। उन्होंने तुरंत बुद्धिमान तुंग फ़ांगश्वो को बुलाया। तुंग फ़ांगश्वो ने जानबूझकर सोचा और कहा,"कहा जाता है कि अग्नि देवता को थांग य्वान ( चिपचिपे चावल के आटे से बनाया गया भरवां पकौड़ा) खाना पसंद है। क्या महल में य्वान श्याओ अक्सर आप के लिए थांग य्वान बनाती है? 15 तारीख की रात को य्वान श्याओ को थांग य्वान बनाने भेजा जाए। महामहिम आप धूपबत्ती जलाकर पूजा करें। आप आज्ञा भी दें कि छांग आन शहर के हरेक परिवार में थांग य्वान बनाओ और एक साथ अग्नि देवता की पूजा करो। फिर आप जनता से उसी रात लालटेन जलाएं, पटाखे और आतिशबाजी छोड़ने की आज्ञा भी दें, ताकि पूरा शहर लाल रोशनी में डूब जाए, मानो शहर में आग लग गयी हो। इसी तरह जेड सम्राट को धोखे में डाला जा सकता है। इस के अलावा, शहर के बाहर रहने वाले नागरिकों को यह सूचना भी दें कि आपदा से बचाने के लिए 15वीं तारीख की रात को वे भी शहर में प्रवेश आएं और भीड़ में शामिल हों"ये बातें सुनकर सम्राट वू ती बहुत खुश थे। उन्होंने तुंग फ़ांगश्वो को इसी तरह काम करने का आदेश दिया।
जंग य्ये माह की 15वीं तारीख को छांग आन शहर में बहुतसी भीड़-भाड़ थी और जगह जगह लालटेन लगाये गए थे। राजमहल की दासी य्वान श्याओ के माता-पिता एवं छोटी बहन भी लालटेन को देखने के लिए शहर में प्रवेश आये। जब उन्होंने"य्वान श्याओ"शब्द अंतित महल के बड़े लालटेन को देखा, तो खुशी से पुकारा,"य्वान श्याओ!य्वान श्याओ!"य्वान श्याओ ने उन की आवाज़ सुनी और आख़िरकार वह परिवारजनों से मिल गयी।
य्वान श्याओ उत्सव की रात को इसी तरह धूमधाम से मनाया गया और छांग आन शहर शांत रहा। सम्राट हान वू ती को बड़ी खुशी हुई। उन्होंने आज्ञा दी कि बाद में हर जंग य्ये माह की 15 तारीख को थांग य्वान बनाकर अग्नि देवता की पूजा करें। साथ ही पूरे शहर में लालटेन लगाये जाए और पटाखे फेंके जाए। चूंकि य्वान श्याओ अच्छी तरह थांग य्वान बना सकती थीं, इसलिए उसी दिन लालटेन उत्सव को य्वान श्याओ उत्सव भी कहलाता है।