चीन में जुलाई-अगस्त का महीना स्नातक होने का महीना कहा जाता है। इन दिनों चीन में स्नातक होने का मौसम छाया हुआ है, और 10 साल कडी मेहनत से पढाई करने वाले छात्रों का स्कूल व कालेजों से अलविदा लेना का समय आ गया है। संसार के विभिन्न देशों से आये छात्रों का चीन में कैसा जीवन हैं, और भविष्य में नौकरी पाने की क्या योज़ना है। इससे संबंधित हमने एक भारतीय लड़की से बात की, जो अभी चीन में पढ़ रही है।
सुन्दर और कोमल स्वभाव की प्रत्युषा सिब्बल दिल्ली से है। अभी वह 20 वर्ष की हो गई है। उन्हें चीन में पढाई करते हुए 2 साल हो गये है, और हाल में पेइचिंग भाषा विश्वविधालय से स्नातक कर रही है। उनकी वर्तमान पढाई में चीनी भाषा मुख्य विषय है, अगले सिमेस्टर में वह मुख्य विषय के रूप में बिजनस चाइनिज़ का चुनाव करेगी।
भारत में, प्रत्युषा अपने घर में इकलौती लडकी है, और उनके घर की जीवन स्थिति बेहद अच्छी है। पिता का खुद का एक बिजनस है, और उनकी माता जी एक घरेलु महिला है, और घर की देख रेख करती है। पंरंपरा के लिहाज़ से, भारतीय माता-पिता अपनी बेटी को देश से बाहर पढने व नौकरी करने पर राजी नही होते है। परन्तु प्रत्युषा के माता-पिता ने उनके चीनी भाषा पढ़ने के फैसले का समर्थन किया और उन्हें पढ़ने के लिए चीन भेज दिया। इस तरह का कदम भारत में आसामान्य है। खुले विचार वाले माता-पिता के समर्थन और प्रोत्साहन से प्रत्युषा के लिए विदेश में पढना संभव हो सका है, जो कि आम भारतीय लडकियों के लिए आम तौर पर असंभव होता है।