चंद्रिमाः साथ ही पुपरी सीतामढ़ी, बिहार के राजबाग रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष अतुल कुमार ने भी इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने यह लिखा है कि दक्षिणी चीन के क्वांगचो में आयोजित महिला एशिया कप टी-20 प्रतियोगिता में भारत की टीम की जीत की खबर से काफी प्रसन्नता हुई। इसके लिए भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज, जिन्हें वुमेन ऑफ द मैच अवार्ड भी मिला है और टीम के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने शानदार खेल का प्रदर्शन कर पाकिस्तान को पराजित किया है।
पंकजः उन्होंने आगे लिखा है कि प्रसारण तथा वेबसाइट के माध्यम से यह जानकारी हम लोगों को उपलब्ध कराने के लिए सी.आर.आई.हिंदी सर्विस को बहुत-बहुत धन्यवाद। चीन के क्वांगचो शहर में इस सफल और सुंदर आयोजन से चीन में भी क्रिकेट के विकास के मार्ग खुले हैं, जो चीन के क्रिकेट खिलाड़ियों और क्रिकेट प्रेमियों के लिए अत्यधिक प्रसन्नता की बात है। हमें विश्वास है कि चीन निकट भविष्य में क्रिकेट के महाशक्ति के रूप में भी उभरेगा। चीनी क्रिकेट संघ को इस आयोजन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
चंद्रिमाः क्रिकेट की चर्चा के बाद अब हम देखें कि किस श्रोता के पत्र की बारी आई है। राम बाबू कुमार जी ने ग्राम बड़ाटोला, रूपडीह, मोतीहारी बिहार से हमें एक पत्र भेजा है। राम बाबू जी लिखते हैं कि मैं आपका नया और नियमित श्रोता हूं। ये आगे लिखते हैं कि इन्होंने एक श्रोता क्लब बनाया है जिसका नाम रखा है सी.आर.आई. क्लब और इस क्लब में 12 सदस्य हैं। राम बाबू का हमसे आग्रह है कि हम इनके क्लब को रजिस्टर्ड करें और इन्हें अपनी पत्रिका श्रोता वाटिका के साथ पत्र भी भेजें, और इनसे लगातार संपर्क में रहें।
पंकजः राम बाबू आगे लिखते हैं कि इनके क्लब का रजिस्ट्रेशन करने के बाद इन्हें रजिस्टर्ड नंबर भी हम भेजें। चंद्रिमा जी इन्होंने हमें अपने पत्र के साथ अपना एक फोटो भी भेजा है। तो राम बाबू जी हम आपकी ये प्यारी सी फोटो अपनी पत्रिका श्रोता वाटिका में ज़रूर छापेंगे और आपके क्लब को रजिस्टर्ड करने से पहले बता दें कि क्लब का नाम सी.आर.आई. क्लब होने के बजाय सी.आर.आई. लिस्नर्स क्लब या आप अपनी पसंद का कोई भी नाम लिखकर उसके आगे लिस्नर्स क्लब रख सकते हैं। आप अपने क्लब का नाम रखने से पहले क्लब के बाकी सदस्यों से बातचीत भी कर लें जो नाम सभी को सुहाए उसे रख लें।
चंद्रिमाः हमारे अगले श्रोता हैं हेम सागर नायक जी। इन्होंने हमें पत्र लिखा है नुआपाड़ा उड़ीसा से। इन्होंने हमें बहुत अच्छा सुझाव दिया है कि हमें अपने रेडियो कार्यक्रम में चीन की सभी 56 अल्पसंख्यक जातियों के बारे में एक क्रमवार कार्यक्रम शुरु करना चाहिए, जिससे इन्हें और बाकी के भारतीय लोगों को भी चीन की अल्पसंख्यक जातियों के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके। इसके अलावा हेम सागर जी ने हमसे दूसरा आग्रह ये किया है कि हम भी इन्हें आपकी आवाज़ ऑनलाइन कार्यक्रम में आमंत्रित करें और इनसे की गई बातचीत हमारे बाकी के श्रोताओं को सुनाएं।
पंकजः तो हेम सागर जी आपका पहला सुझाव हमें वाकई बहुत अच्छा लगा और ये जानकर भी बहुत खुशी हुई कि आप चीन की जो 56 अल्पसंख्यक जातियां हैं उनके बारे में बहुत कुछ जानना चाहते हैं। चंद्रिमा जी लगता है कि हेम सागर जी हमारे कार्यक्रमों के नियमित श्रोता हैं, क्योंकि इनकी जानकारी इतनी सटीक है कि इन्होंने विशेष रूप से लिखा है कि चीन की 56 अल्पसंख्यक जातियां। और ये बात सिर्फ वही व्यक्ति लिख सकता है, जिसने चीन के बारे में या तो विस्तृत रूप से पढ़ाई की है या फिर वो हमारे नियमित श्रोता हैं। क्योंकि हम अपने कार्यक्रमों में अपने श्रोताओं की जानकारी अक्सर बढ़ाते रहते हैं।